हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में युवकों में हुए विकास कार्यो की पोल धीरे-धीरे खुलने लगी है लेकिन आज आपको एक ऐसे मामले से रूबरू कराते हैं जो बहुत सारे कारणों से अटका हुआ है।
या यूं कहें कि विकास से वंचित रह गया है, मध्य हरिद्वार के ऋषि कुल क्षेत्र में ऋषि कुल आयुर्वेदिक कॉलेज के सामने से इंडस्ट्रियल एरिया को जाने वाली रोड पूरी तरीके से गड्ढों से भरी हुई है और इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
मानसून की दस्तक के बाद यहां जल समस्या भी एक बड़ा कारण है और इसी के साथ साथ खुले प्लॉट में डाल रहा कूड़ा भी किया लोगों की दुश्वारियां बढ़ रहा है। आपको बता दें कि कुंभ मेला से पूर्व हरिद्वार में कहीं-कहीं अंडरग्राउंड बिजली और गैस लाइन का कार्य हुआ था।
इसके लिए पूरे शहर की सड़कों को गड्ढे में तब्दील कर दिया गया और चौंकाने वाली बात तो यह है कि कुंभ बीत जाने के लगभग डेढ़ साल बाद भी अंडरग्राउंड बिजली की लाइन और गैस लाइन के लिए किए गए गड्ढे अब तक कांक्रीट से भरे नहीं गए हैं।
और इसके बाद तो विधानसभा चुनाव भी हुए लेकिन उसमें भी किए गए वादे कहीं ना कहीं विफल नजर आ रहे हैं या यूं कहें कि सड़क राजनीति की भेंट चढ़ गई। ऋषि कुल क्षेत्र में जब हमने स्थानीय लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि अंडरग्राउंड बिजली की लाइन के गड्ढे उस समय से आज तक नहीं भरेगा और बरसाती मौसम होने के कारण अब धीरे-धीरे मिट्टी भी नीचे से फोटो ली गई है जो किसी दिन बड़े हादसे का कारण बन सकती है साथ ही उन्होंने बताया कि यहां रोजाना इन गड्ढों में बुजुर्ग लोग और बच्चे गिरते रहते हैं।
आगे उन्होंने हर ईटीवी से बातचीत में कहा कि यहां गली की एंट्री होते ही प्लॉट में डाल रहा कूड़ा भी सबसे बड़ी समस्या है जिसका नगर निगम के पास भी कोई तोड़ नहीं है, हालांकि उन्होंने बताया कि पूरा समय समय के साथ होता रहता है लेकिन खुले प्लॉट में कूड़ा डालने के कारण काफी ज्यादा गंदगी और कीड़े मकोड़े यहां बच्चों के लिए खतरा हो गए हैं।
जब हमने इन समस्याओं को लेकर वहां के भाजपा पार्षद ललित रावत से बात की तो उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि गली को गड्ढा मुक्त करने के लिए मैंने निगम से टेंडर पास कराया था लेकिन कुछ विपक्ष के राजनीतिक लोगों ने अपने निजी स्वार्थ के लिए पूरी रोड बनाने की बात को लेकर गड्ढे नहीं भरने दिए और वह टेंडर का पैसा मुझे किसी और विकास के काम में लगाना पड़ा, हालांकि उनका यह कहना था कि अंडरग्राउंड बिजली और गैस लाइन के गड्ढों के लिए वह टंडन नहीं था वह काम बिजली विभाग का है,
हमने तो गड्ढा मुक्त अभियान के तहत गड्ढों को भरवाने का काम किया था। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल तो यह उठता है कि राजनीति और लोगों से अलग हटके बिजली विभाग और निगम क्या कर रहा है? क्या अंडरग्राउंड बिजली के लिए किए गए गड्ढे अब लोगों के भरोसे छोड़ दिए गए हैं क्योंकि स्थानीय निवासियों ने बताया कि कुछ घंटों में हमने खुद फावड़े से मिट्टी डाल डाल कर भरे हैं और क्योंकि पानी भरने के कारण अधिकांश घटनाएं रोजाना हो रही थी।
नीयसूत्रों के मुताबिक बिजली विभाग ने कुंभ में हुए विकास कार्यों के गड्ढों को भरने के लिए लगभग ₹6 करोड़ निगम को दिए थे, तो आखिर उन पैसों का क्या हुआ? जनता के भारी भरकम राशि को लेकर जब हमने बिजली विभाग से बात की तो साफ-साफ कुछ जवाब नहीं दिया और सभी हमें इधर से उधर घूमाते रहे,
हालांकि एक अधिकारी ने बताया कि हमने निगम को लगभग 6 करोड़ रुपए दिए हैं तो आप इस बारे में उनसे ही बात करें। जब हमने इस बारे में शहर नगर आयुक्त को कई फोन किए तो उन्होंने हमारा फोन नहीं उठाया।
फिर हमने इस बारे में मेयर अनीता शर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि मुझे उम्र में आए पैसों की ज्यादा जानकारी नहीं है आप इस बारे में नगर क्षेत्र के साथ ही उन्होंने कहा कि उस समय जय भारत नगर आयुक्त थे। अब बड़ा सवाल तो यह उठता है कि क्या गड्ढे भरने को लेकर कोई बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है?
क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी समस्या वहां पर खुले में डल रहे कूड़े को लेकर है जब हमने इस बारे में मेयर अनीता शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि जल्दी वहां से कूड़ा उठा लिया जाएगा लेकिन दो-तीन दिन बीत जाने के बाद भी कूड़ा अभी तक नहीं उठा। शहर में बिगड़ रही सफाई व्यवस्था को लेकर ऐसा लग रहा है जैसे निगम ने भी शहर को भगवान भरोसे छोड़ दिया हो।