देहरादून। उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। प्रदेश अध्यक्ष दीपक बाली ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद आज भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। दीपक बाली को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने बीजेपी की सदस्य दिलाई। इस दौरान मदन कौशिक ने कहा कि बीजेपी पार्टी सभी का हित चाहने वाली पार्टी है जिसकी विचारों से प्रेत होकर आज दीपक बाली बीजेपी में शामिल हुए हैं और निश्चित तौर पर बीजेपी को एक मजबूती मिलती हुई नजर आएगी।
वहीं, बीजेपी में शामिल होने के बाद दीपक बाली ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विचारधारा व प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से प्रेरित होकर आज बीजेपी ज्वाइन की है। साथ ही उन्होंने साफ किया कि आम आदमी पार्टी की करनी और कथनी में काफी अंतर है। लिहाजा वह आम आदमी पार्टी में असहज महसूस कर रहे थे जिसके चलते उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया और आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
यह हो सकते हैं नए प्रदेश अध्यक्ष
आम आदमी पार्टी में विगत 2 महीनों में दो प्रदेश अध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं सूत्रों के मुताबिक अभी हाल ही में प्रदेश के नवनियुक्त उपाध्यक्ष नरेश शर्मा को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष का पद सौंप सकती है। नरेश शर्मा हरिद्वार की हरिद्वार ग्रामीण सीट से हाल ही में पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़े थे।
आम आदमी पार्टी से तय होता है भाजपा में जाने का रास्ता?
उत्तराखंड की राजनीति का कोई अंदाजा नहीं लगा सकता और जिस तरह से यहां मौसम बदलता है उसी तरह से यहां नेताओं का मिजाज बदलता है। आम आदमी पार्टी से बड़ी-बड़ी बातें करने वाले और प्रदेश को स्वच्छ छवि की नियत से साफ करने वाले आम आदमी पार्टी में शामिल हुए कर्नल कोठियाल ने विधानसभा चुनाव के बाद जिस तरीके से आम आदमी पार्टी छोड़ी और भाजपा का दामन थामा एवं कल देर रात जब नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष दीपक बाली के पार्टी से इस्तीफा देने की खबरें सामने आई और आज जब उन्होंने देहरादून में भाजपा का दामन थामा तो ऐसा लग रहा है जैसे आम आदमी पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद ही भाजपा में शामिल होने का रास्ता खुलता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि अगला प्रदेश अध्यक्ष कितने दिनों या महीने में पार्टी को अलविदा कहता है उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी अपने वर्चस्व की लड़ाई लड़ती भी नजर आ रही है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो अगले विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को करारी शिकस्त झेलनी पड़ेगी।