हरिद्वार। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा की ओर से निकाली जाने वाली प्राचीन पवित्र दशनामी छड़ी यात्रा जूना अखाड़े के संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्री महंत हरि गिरी के नेतृत्व में जारी है। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय सभापति श्री महंत प्रेम गिरी एवं जूना अखाड़े के समस्त साधु-संत पवित्र दशनामी छड़ी को नगर भ्रमण कराते हुए आज मनसा देवी मंदिर पहुंचे जहां निरंजनी अखाड़े के राष्ट्रीय सचिव श्री महंत रवींद्र पुरी ने पवित्र दशनामी छड़ी का पूजन मां मनसा देवी के दरबार में पूरे विधि विधान और वैदिक मंत्रोचार के साथ किया।
इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए और पवित्र छड़ी यात्रा का उद्देश्य बताते हुए जूना अखाड़े के संरक्षक श्री मंहत हरि गिरि ने देवभूमि में खाली होते पहाड़(पलायन) और विशेष धर्म के लोगों द्वारा अवैध कब्जे पर चिंता जताई और कहा कि यह समय आ गया है हमें अपनी देवभूमि को बचाने के लिए आगे आना होगा और यह हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। साथ ही सरकार से गुहार लगाई कि इस पर सरकार जल्द ही चर्चा करें और जनहित में निर्णय ले। इस अवसर पर निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर कैलाशानंद गिरि महाराज, श्रीनिरंजनी पंचायती अखाड़ा के अर्न्तराष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज,महंत रामरतन गिरि, श्री महंत शैलेंद्र गिरी श्री महंत केदार पुरी श्री महंत शिवदत्त गिरी श्री महंत तूफान गिरी थानापति राजगिरी श्री महंत पुष्कर गिरी श्री महंत दीनदयाल गिरी समेत अनेकों साधु उपस्थित रहे पूजन उपरांत सभी साधकों को भोजन कराया गया भोजन उपरांत सभी साधुओं ने छड़ी के साथ श्री श्री महंत हरि गिरी जी के सानिध्य में माया देवी मंदिर के लिए प्रस्थान किया। जहां पर पर पवित्र छड़ी को पूजन और वैदिक मंत्र उच्चारण के बाद चारों धामों और समस्त पौराणिक स्थलों के भ्रमण के लिए रवाना कर दिया गया। पवित्र छड़ी यात्रा चारों धाम तथा समस्त उत्तराखण्ड के सभी प्रमुख तीर्थाे का भ्रमण कर 10 नवम्बर को वापिस मायादेवी मन्दिर हरिद्वार पहुचेगी। लगभग 40 दिन की इस यात्रा में पवित्र छड़ी चारों धाम के अतिरिक्त त्रिजुगीनारायण, तृंगनाथ, भविष्य बद्री, आदि बद्री,नृसिंह मन्दिर, आद्य जगदगुरू शंकराचार्य गुफा, सीतामढ़ी, नौटी गॉव में श्रीयंत्र होते हुए कुमाऊं मण्डल मे प्रवेश करेगी, जहां बैजनाथधाम, जागेश्वरधाम, सोमेश्वर महादेव, एड़ादेव, खडकेश्वर मन्दिर, गरुड़ चट्टी, ज्योतिलिंग बागनाथ मन्दिर बागेश्वर, पूर्णागिरि मन्दिर, गंगानाथ मन्दिर, प्रन्ना देवी नैनीताल, नारायण आश्रम ओमपर्वत, पाताल भुवनेश्वर, हाट काली गंगोलीहाट, दूना गिरि, कालिका मन्दिर रानीखेत, बिनसर महादेव, बूढ़ाकेदार, भूमियाथान मासी, गर्जिया माता के दर्शनों के पश्चात हरिद्वार पहुचेगी।