हरिद्वार 23 सितंबर 2023। गंगा नगरी के साथ-साथ हरिद्वार संतो की नगरी भी है और सभी 13 अखाड़े यहां पर मौजूद है, जिसमें से सबसे प्राचीन और सबसे बड़ा जूना अखाड़ा भी हरिद्वार में स्थित है और जूना अखाड़े के अनेकों आश्रम हरिद्वार में स्थित है। उत्तरी हरिद्वार स्थित स्वतंत्र पुरी धाम उनमें से एक है, 1962 से अब तक स्वतंत्र पुरी धाम में वार्षिकोत्सव का आयोजन हो रहा है और इस वर्ष भी वार्षिकोत्सव का आयोजन हुआ। जिसमें ब्रह्मलीन स्वतंत्र पुरी महाराज को हरिद्वार के संत समाज ने श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें याद किया।
इस अवसर पर जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत शिवानंद पुरी ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी स्वतंत्र बुरी एक सामाजिक संस्था और हमेशा समाज के कल्याण की बातें किया करते थे साथ ही उन्होंने बताया कि उनका एक अपना स्वर्णिम इतिहास था और ऐसे संत युगों युगों में एक बार आते हैं। इस अवसर पर आश्रम के अध्यक्ष श्री महंत केदार पुरी महाराज ने कहा कि गुरु जी का सानिध्य है हमें हमेशा मिलता रहेगा और जैसी उनकी आशाएं और आकांक्षाएं हमसे थी हम प्रयासरत हैं कि उस पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करें। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी स्वतंत्र पुरी महाराज ने समाज को एक सच्चे और ईमानदार रास्ते पर चलने का आइना दिखाया।
इस अवसर पर श्री महंत अन्नपूर्णा पुरी, श्री महंत शिवानंद पुरी, अष्ट कौशल महंत शंभू पुरी, अष्ट कौशल श्री महंत मृत्युंजय पुरी, महंत शंभु पुरी, महामंडलेश्वर चिदविलासानंद सरस्वती, महंत प्रेमदास, महंत प्रहलाद दास, महंत हितेश दास आदि उपस्थित थे।