बारिश में जीडी अस्पताल की गिरी दीवार, पोस्टमार्टम लायक नहीं रही मोर्चरी, क्या राजनिति की भेंट चढ़ी नवनिर्मित मोर्चरी का होगा इस्तेमाल या सबको काटने पड़ेंगे रूड़की के चक्कर

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हरिद्वार 18 मार्च 2023। उत्तराखंड में जहां मौसम विभाग के अलर्ट जारी होने के बाद पिछले 24 घंटे से लगातार बारिश का दौर जारी है। तो वहीं हरिद्वार में भी बारिश ने आफत मचा दी है। कल देर शाम से शुरू हुई बारिश अब तक रुकने का नाम नहीं ले रही है और इस बारिश के कारण कहीं सड़क बैठ गई है, तो कहीं जलभराव की समस्या सामने आई है। लेकिन शनिवार को सुबह से हो रही बारिश के कारण हरिद्वार के हर मिलाप चिकित्सालय यानी (जीडी अस्पताल) के मोर्चरी की दीवार गिरने से हड़कंप मच गया।

बताया जा रहा है कि लगातार हो रही बारिश से मोर्चरी की दीवार गिर गई। जिसके कारण अब मोर्चरी पूरी तरह से हवा के संपर्क में है और वह शव रखने लायक या पोस्टमार्टम करने लायक नहीं रह गई है। सूत्रों के मुताबिक मोर्चरी को अब जल्द ही यहां से शिफ्ट करके कहीं और ले जाया जा सकता है। मोर्चरी को रुड़की के सिविल अस्पताल भी शिफ्ट किया जा सकता है। आपको बता दे की जीडी हॉस्पिटल का निर्माण सन 1976 में हुआ था और लगभग अभी इसे 50 साल पूरे होने जा रहे हैं।

दीवार यूं ही नहीं गिरी है एक कारण तो इसका बिल्डिंग की बढ़ती उम्र और दूसरा जीडी अस्पताल के ही पीछे हो रहे लगभग 5 मंजिला अस्पताल का निर्माण भी बताया जा रहा है। क्योंकि जीडी अस्पताल का लेवल महिला अस्पताल से ऊंचा है और इसके पीछे जो सपोर्ट पहले लगी हुई थी, वह अस्पताल निर्माण के दौरान हटाई गई। दोबारा से इसका पुश्ता मजबूत करने के लिए और मोर्चरी को बंद रखने के लिए जीडी अस्पताल के अधिकारियों द्वारा अक्टूबर 2022 में जिलाधिकारी से अनुमति भी मांगी गई।

लेकिन अनुमति ना मिलने के कारण मोर्चरी का संचालन यही होता रहा। जिसका नतीजा कि आज दीवार भरभरा कर गिर गई, गनीमत यह रही कि फिलहाल मोर्चरी में कोई भी शव नहीं है। लेकिन शहर का और जनपद का मुख्य सरकारी अस्पताल होने के कारण। यह कभी खाली नहीं रहता है, तो प्रशासन को जल्द ही इसको स्थानांतरित करने और इसके निर्माण का फैसला लेना पड़ेगा। वरना आम जनता को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

नवनिर्मित मोर्चरी चढ़ी राजनीति की भेंट

आपको बता दें कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी रोशनाबाद कार्यालय के नजदीक ही 2019 में नवनिर्मित और अच्छे तरीके से बनाई गई मोर्चरी तैयार हो गई थी। पुख्ता सूत्रों के मुताबिक रानीपुर क्षेत्र की जनता ने विरोध करते हुए क्षेत्रीय विधायक को मोर्चरी हरिद्वार जीडी अस्पताल से रोशनाबाद ना शिफ्ट करने के लिए कहा। जिसके बाद से ही मोर्चरी धूल फांक रही है। राजनीतिक दबाव में जिलाधिकारी भी किसी भी फैसले को लेने से कतराते रहे और अब अगर जीडी अस्पताल से मोर्चरी रुड़की शिफ्ट होगी, तो हरिद्वार के सभी थानों और चौकी के पुलिस कर्मियों को रोजाना रुड़की के चक्कर काटने पड़ सकते हैं, इतना ही नहीं हरिद्वार की मुख्य संस्था सेवा समिति जो लावारिस शवों का संस्कार करती है उसे भी सब उठाने के लिए रुड़की जाना पड़ सकता है और इन दुश्वारियों का सामना अन्य संस्थाओं के साथ-साथ आम आदमी को भी करना पड़ेगा। क्योंकि हरिद्वार जनपद में दो जगह ही पोस्टमार्टम किए जाते हैं एक तो जीडी अस्पताल जिसकी मोर्चरी अब पोस्टमार्टम करने लायक नहीं रह रही है और दूसरा रुड़की का सिविल अस्पताल। यानी अब अगर मोर्चरी रोशनाबाद में शिफ्ट ना होकर रुड़की शिफ्ट होती है। तो सबको रोजाना रुड़की आना जाना पड़ेगा। जिससे कहीं ना कहीं सरकारी धन का फ़िज़ूल खर्चा बढ़ेगा। अब देखना यह होगा कि क्या 2019 से सरकारी धन का उपयोग करके खड़ी हुई मोर्चरी इस्तेमाल में ली जाती है या फिर वह इन्हीं हालातों में वह धूल फांकती रहेगी।

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