हरिद्वार 2 मार्च 2024। उत्तराखंड लोकसभा चुनाव को लेकर अब एक दो दिनों में स्थिति स्पष्ट होने वाली है। हरिद्वार लोकसभा पर भाजपा हाई कमान में सबसे ज्यादा मंथन चल रहा है, चूंकि धार्मिक नगरी होने के साथ-साथ हरिद्वार, मथुरा और काशी की तरह विश्व प्रसिद्ध शहर है। बड़े लंबे समय से हरिद्वार लोकसभा सीट पर प्रत्याशी बदलने के कयास लगाए जा रहे थे और अब यह कयास जल्द ही हकीकत में बदलते हुए दिख रहे है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी इस बार उत्तराखंड में दो सीटों पर टिकट परिवर्तन कर सकती है। बताया जा रहा है कि हरिद्वार तथा पौड़ी की सीट पर भाजपा हाई कमान किसी अन्य चेहरे पर दाव खेल सकता है। हरिद्वार लोकसभा सीट की बात करें तो पिछले दो बार से यहां पर सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भाजपा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हालांकि उनके कार्यकाल की बात करें तो हरिद्वार को ऐसी कोई बड़ी या खास योजना दिलाने में वह कामयाब नहीं रहे। अगर राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण को छोड़ दें तो हरिद्वार को विश्व स्तरीय शहर बनाने की बात सिर्फ बयान बाजी तक ही सीमित रह गई। वीरवार रात को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में 5 घंटे की चर्चाओं में उत्तराखंड, गोवा गुजरात के साथ-साथ कई राज्यों के नाम पर फैसला ले लिया गया है और जल्द ही किसी भी समय प्रत्याशियों के नाम ऐलान हो सकता है। हरिद्वार लोकसभा से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है और उनके साथ-साथ कई अन्य चेहरे भी दावेदारों की लिस्ट में शामिल हैं, हरिद्वार से पांच बार के विधायक एवं उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, हरिद्वार ग्रामीण से पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानंद, 2009 में हरिद्वार से लोकसभा लड़ चुके महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी और वर्तमान सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी दावेदारों की सूची में शामिल हैं।
त्रिवेंद्र रावत का क्यों है पलड़ा भारी?
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के रूप में सेवा दे चुके त्रिवेंद्र सिंह रावत डोईवाला से विधायक भी रह चुके हैं और अपने 4 साल के सफल कार्यकाल में उनके ऊपर किसी भी तरह का कोई भ्रष्टाचार या विवादास्पद मामला निकलकर सामने नहीं आया। इतना ही नहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत संघ में भी अपनी अच्छी खासी पकड़ रखते हैं और पर्वतीय मूल का भी उन्हें फायदा मिल सकता है।
अन्य दावेदारों में कौन-कौन?
वहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत के अलावा हरिद्वार से पांच बार के कद्दावर विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक भी दावेदारों की सूची में शामिल है और इन्हें अपनी खास तरह की राजनीति के लिए जाना जाता है। बीते विधानसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए इन्होंने पार्टी की उत्तराखंड में दोबारा सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि मतदान वाले दिन ही इनके ऊपर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लगे थे और शायद इसी वजह से इन्हें अभी तक कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई है। हालांकि इस लोकसभा में मदन कौशिक को भी हाई कमान से उम्मीद है कि पार्टी उन पर विश्वास जताएगी और उत्तराखंड में सेवाएं देने के बाद मदन कौशिक भी दिल्ली की दौड़ में एक बड़े चेहरे के रूप में शामिल होंगे।
पिछले कुछ महीनो में हरिद्वार से संतो को टिकट देने की मांग लगातार कुछ संत कर रहे हैं और ऐसे में कई संत चेहरे भी निकल कर सामने आए हैं। जिसमें हरिद्वार ग्रामीण से विधायक रह चुके स्वामी यतीश्वरानंद का नाम सबसे ऊपर चल रहा है लेकिन हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में यतीश्वरानंद हरिद्वार ग्रामीण से ही अपनी सीट बचाने में सफल नहीं हो पाए थे। देखना होगा कि पार्टी अबकी बार हरिद्वार लोकसभा से किसे अपना चेहरा बनाएगी यह आने वाला वक्त ही बताएगा।
वहीं हरिद्वार के अलावा पौड़ी लोकसभा सीट पर भी भाजपा मंथन कर रही है और वर्तमान सांसद तीरथ सिंह रावत का टिकट इस लोकसभा चुनाव में कट सकता है। सूत्र बताते हैं कि पौड़ी से भाजपा किसी अन्य चेहरे पर दावा खेल सकती है। हाल ही में भी उत्तराखंड में चुनाव की बैठक में 5 सीटों से 55 दावेदारों के नाम दिल्ली भेजे गए हैं जिसमें हर सीट से लगभग 7 से 8 प्रत्याशियों के नाम हाई कमान को भेजे गए हैं। पौड़ी से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री, दीप्ति रावत, बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय के नाम शामिल हैं।
पौड़ी से सटे टिहरी लोक सभा से राजघराने से ताल्लुक रखने वाली संसद माला रानी राज्यलक्ष्मी शाह पर भाजपा विश्वास जताती आई है और माना जा रहा है कि इस बार भी इनका टिकट ही रिपीट हो रहा है। हालांकि कई प्रत्याशियों ने टीवी लोकसभा से भी दावेदारी पेश की है जिम कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, प्रदेश संगठन महामंत्री आदित्य कोठारी, युवा मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी, ज्योति प्रसाद गैरोला, मनवीर चौहान आदि नेताओं के नाम शामिल हैं।
वहीं कुमाऊं की नैनीताल और अल्मोड़ा सीट की बात करें तो नैनीताल से वर्तमान सांसद एवं केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट का टिकट भी रिपीट हो सकता है और अल्मोड़ा सीट रिजर्व होने से सांसद अजय टम्टा का भी टिकट रिपीट हो सकता है। हालांकि कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने अल्मोड़ा सीट से दावेदारी पेश की है।