हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में रोजाना बैटरी से चलने वाली ई-रिक्शा का आतंक बढ़ता ही जा रहा है और शासन प्रशासन से लेकर नगर निगम इनकी रोकथाम में नाकामयाब साबित हुआ है। आज देर शाम हर की पौड़ी की आरती समाप्त होने के बाद जब यात्री भीमगोड़ा से अपने-अपने गंतव्य को जा रहे थे तो भीमगोड़ा पुल पर चढ़ रहे यात्रियों से भरा ई रिक्शा ओवरलोड होने और जाम लगने के कारण पलट गया। ई-रिक्शा पलटते ही चारों तरफ चीख-पुकार मच गई क्योंकि ई रिक्शा के नीचे कुछ लोग दब गए थे और जब ई-रिक्शा को उठाया तो उसके नीचे से दो बच्चों और ई रिक्शा चालक को बाहर निकाला गया और ई-रिक्शा को सीधा किया गया। रोते बिलखते बच्चे दर्द के कारण चिल्ला रहे थे और उनके मां बाप अपने बच्चों की हालचाल जानने में चिंतित दिखाई दे रहे थे। हालांकि आसपास मौजूद यात्रियों और स्थानीय लोगों ने बच्चों को पानी पिलाकर हमदर्दी दिखा कर उनको शांत करवाया और गनीमत की बात यह रही कि किसी को भी इस घटना में ज्यादा गंभीर चोट नहीं आई वरना किसी बच्चे की जान भी जा सकती थी।
सबसे बड़ी बात तो यह देखने वाली थी कि चंद कदम दूर भीमगोड़ा बैरियर पर मौजूद पुलिसकर्मियों को इस बात की भनक काफी देर बाद लगी और ऊपर से जो पुलिसकर्मी वहां पहुंचा उसके द्वारा मीडिया को वीडियो बनाने से रोका जा रहा था और उसके द्वारा मिडिया से बदतमीजी से भी बात की गई जिससे उनकी नाकामी किसी के सामने ना आ सके और वैसे भी जब मीडिया से इस तरीके से बात की जा रही है तो आप कल्पना कर सकते हैं कि आम नागरिक और यात्रियों से कैसा व्यवहार किया जाता होगा। पुलिसकर्मी को देखकर ऐसा लग रहा था कि अब वह मीडिया को बताएंगे कि मीडिया को क्या करना है और क्या नहीं। मौके पर मौजूद लोगों ने ई रिक्शा चालक पर नशे में होने का भी आरोप लगाया। क्योंकि सबसे बड़ी समस्या ई रिक्शा चालकों की हरिद्वार में देखने को मिल रही है कि वह नशा करने के बाद सड़कों पर तेज रफ्तार से ई-रिक्शा दौड़ाते हैं।
भीमगोड़ा से मात्र आधा किलोमीटर दूर खड़खड़ी चौकी की नाक के नीचे रोजाना अनियंत्रित और अवैध ई-रिक्शा इस क्षेत्र में दौड़ते हैं और पुलिस का इन पर कोई कंट्रोल नहीं है। तेज रफ्तार ई-रिक्शा इससे पूर्व भी कई लोगों को चोटिल कर चुके हैं। अगर बात करें उत्तरी हरिद्वार के भीमगोड़ा क्षेत्र की तो विश्व प्रसिद्ध हर की पौड़ी की आरती के बाद आम जनता को जाम की जद्दोजहद से रोजाना दो-चार होना पड़ता है। जिससे लोगों का काफी ज्यादा समय बर्बाद होता है और ईंधन भी खर्च होता है। जाम लगने का सबसे बड़ा कारण यह भी है कि इस क्षेत्र में होटल वालों के पास पार्किंग ना होने के कारण यात्रियों की गाड़ी सड़क और गलियों में खड़ी हो जाती है जिससे सबसे ज्यादा प्रभावित यहां के स्थानीय लोग हो रहे हैं।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि रोजाना हजारों यात्रियों के यहां से गुजरने के बाद और जाम लगने के बाद पुलिस खाली मूकदर्शक बने खड़ी रहती है। पुलिस के पास यहां जाम ना लगने का कोई प्रसिद्ध प्लान नहीं है और सबसे बड़ी बात यह है कि जब कोई वीआईपी और वीवीआईपी यहां से गुजरता है तो पुलिस ई रिक्शा वालों को खदेड़ते हुए दिखाई देती है।
अनियंत्रित ऑटो और ई-रिक्शा का खौफ और आतंक इतना है कि भीमगोड़े में लगे बिजली विभाग के उपकरण के आधार को भी ध्वस्त किया गया है जिस पर बिजली विभाग कााीभी कोई ध्यान नहीं है। अतिक्रमण हटाते समय व्यापारियों ने भी इस बात को लेकर आवाज उठाई थी।
बरहाल यात्रियों के रोजाना हरिद्वार में नए-नए किस्से सामने आ रहे हैं कई यात्रियों की पिटाई हो रही है तो कहीं यात्री ई रिक्शा के नीचे दब रहे हैं अब देखना यह होगा कि आला अधिकारी इस मामले में क्या एक्शन लेते हैं क्योंकि रोजाना लग रहे जाम, ओवरलोड और तेज रफ्तार ई-रिक्शा हादसों का कारण बन रहे हैं।