तो चुनाव लड़ने पर डटे हरीश रावत! उमेश कुमार ने निर्दलीय ठोकी ताल, क्या भाजपा के लिए राह हुई आसान! क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार

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नामांकन पत्र मिलने के साथ ही लोकसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन हरिद्वार और नैनीताल सीट पर कांग्रेस अब तक लोकसभा प्रत्याशियों का ऐलान नहीं कर पाई है। दिल्ली में कांग्रेस CWC की बैठकों के बाद हरिद्वार लोकसभा में अब तक प्रत्याशी का ऐलान नहीं हो पाया है। ऐसे में कार्यकर्ताओं का सब्र भी टूटता जा रहा है और भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत के साथ कांग्रेस पिछड़ती हुई नजर भी आ रही है।

त्रिवेंद्र ने कांग्रेस पर बोला जुबानी हमला

बुधवार को हरिद्वार के ज्वालापुर में भाजपा लोकसभा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पार्टी के जिला कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और उन्हें चुनाव में वोट हासिल करने के मूल मंत्र दिए। वही हरि टीवी से बातचीत में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कांग्रेस पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस हाशिए पर चली गई है, इसलिए अब तक चुनाव में प्रत्याशी का ऐलान नहीं कर पाई है।

कांग्रेस में गुटबाजी हावी

कांग्रेस नेताओं में गुटबाजी से भी हाई कमान की परेशानियां बढ़ गई है और टिकट को लेकर अब तक मंथन जारी है। सूत्र बताते हैं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हरिद्वार से अपने पुत्र को लोकसभा चुनाव लड़वाना चाहते थे‌। लेकिन खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के कांग्रेस के टिकट और दिल्ली में उमेश कुमार की कांग्रेस नेताओं से मुलाकात के बाद हरीश रावत के खुद चुनाव मैदान में उतरने की चर्चाएं हैं। वहीं कांग्रेस हाई कमान भी हरीश रावत को नजरअंदाज नहीं कर सकता, क्योंकि कांग्रेस हाई कमान में हरीश रावत अच्छा खासा राजनीतिक रसूख रखते हैं और वह पार्टी के वरिष्ठ नेता भी हैं। लेकिन उमेश कुमार के समर्थन में भी कांग्रेस का एक बड़े धड़े ने अपनी इच्छा हाई कमान के सामने रखी है।

उमेश कुमार ने निर्दय लड़ने का किया ऐलान

वही कांग्रेस से टिकट की आस लगाकर बैठे खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने चुनाव में महज एक महीना से भी कम समय को देखते हुए निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतरने का फैसला लिया है। सोशल मीडिया पर उन्होंने इसकी घोषणा की है और उमेश कुमार वीरवार यानी 21 मार्च को रोशनाबाद स्थित कलेक्ट्रेट में नामांकन पत्र दाखिल करने जाएंगे।

क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार?

लगभग 40 सालों से राजनीति को परखते आ रहे वरिष्ठ पत्रकार ओम गौतम फक्कड़ ने कहा कि हरिद्वार में कांग्रेस के पिछड़ने का कारण कांग्रेसी नेताओं में गुटबाजी ही रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड भाजपा में भी गुटबाजी है, लेकिन वह कांग्रेस की तरह टिकट फाइनल होने के बाद चुनावों में खुल्ले तौर पर दिखाई नहीं देती, लेकिन कांग्रेस के गुटबाजी तो विधानसभा चुनाव से लेकर अब लोकसभा चुनावों में भी मतदाताओं को दिखने लगी है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार की जनता ने हरीश रावत को विधानसभा चुनाव में हराकर अपना रुख साफ कर दिया था। लेकिन राजनीतिक गलियारों में हरीश रावत के चुनाव लड़ने की फिर से चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर हरीश रावत हरिद्वार लोकसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी होते हैं तो भाजपा के लिए रहा थोड़ी आसान हो जाएगी और यदि निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को कांग्रेस प्रत्याशी बनती, तो चुनाव में नए चेहरा उतरने और उमेश कुमार और कांग्रेस के समर्थक एक होने से भाजपा को कड़ी टक्कर मिल सकती थी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उमेश कुमार के कांग्रेस में आने से उत्तराखंड में कांग्रेस की राजनीति और पार्टी को मजबूती मिलेगी और इसका फायदा कांग्रेस को निगम चुनाव में भी देखने को मिल सकता है।

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