हरिद्वार 19 अप्रैल 2024। देश के 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीट पर आज मतदान हुआ और पहले चरण के मतदान में उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों पर भी वोटिंग हुई। सुबह तक तो हरिद्वार में मतदान शांतिपूर्वक चल रहा था, लेकिन हरिद्वार के ज्वालापुर इंटर कॉलेज से बड़ी खबर सामने आई जहां एक बुजुर्ग व्यक्ति ने ईवीएम का विरोध करते हुए मशीन को जमीन पर पटक दिया, हालांकि मशीन में कोई खराबी नहीं आई, और ड्यूटी दे रहे अधिकारियों ने मतदान सुचारू रूप से दोबारा शुरू करवाया। लेकिन यह खबर अब चर्चा का विषय बनी हुई है, कि आखिर ऐसा क्यों किया गया? प्रत्यक्षदर्शी खालिद सलमानी के मुताबिक ज्वालापुर निवासी एक उम्र दराज व्यक्ति वोट डालने के लिए ज्वालापुर इंटर कालेज के बूथ नंबर 126 में पहुंचे और जैसे ही वेरिफिकेशन के बाद मशीन में वोट डालने गए तो उन्होंने ईवीएम को उठाकर जमीन पर पटक दिया और पूछने पर कहने लगा कि हम ईवीएम का विरोध करते हैं, इसलिए ऐसा किया, हालांकि मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने बुजुर्ग व्यक्ति को हिरासत में ले लिया और मतदान को दोबारा से शुरू करवाया गया।
ईवीएम का पहले से रहा विरोध
देश में ईवीएम मशीन से वोटिंग को लेकर लोगों में अलग-अलग तरह की चर्चाएं हैं। दिल्ली में तो कई दिनों तक ईवीएम को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी रहा और बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग पर लोग अड़े रहे। मामला न्यायालय तक भी पहुंचा लेकिन अंतत ईवीएम से ही लोकसभा चुनाव करने का फैसला लिया गया।
ईवीएम पर कई बार स्थिति स्पष्ट कर चुका चुनाव आयोग
विपक्ष के कई नेताओं के ईवीएम पर आरोपो के बाद चुनाव आयोग भी एवं पर कई बार स्थिति स्पष्ट कर चुका है और लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान वाले दिन भी मुख्य चुनाव आयुक्त ने ईवीएम को सही बताया और कहां की ईवीएम को हैक करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। चुनाव आयोग के मुताबिक ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का सेटेलाइट से कनेक्शन नहीं है। चुनाव आयोग 2017 में विपक्ष के नेताओं को ईवीएम की टेस्टिंग और हैकिंग सिद्ध करने के लिए बुला चुका है लेकिन उस दौरान कोई भी विपक्षी पार्टी वहां नहीं पहुंची थी। हालांकि कांग्रेस समेत कई पार्टियों ईवीएम से चुनाव कराने के विरोध में लगातार बयान देती रही हैं।