हरिद्वार। वीरवार को हरिद्वार पहुंचे केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने प्रमुख संतो से मुलाकात की और आशीर्वाद ग्रहण किया। सबसे पहले वो भूमा पीठाधीश्वर अच्युतानंद तीर्थ से मिले और उसके उपरांत जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद से मुलाकात की। हरिद्वार का हृदय टाइम्स और हरि टीवी से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि वह उत्तराखंड एवं खासतोर से हरिद्वार से खास लगाव रखते हैं।
पूरे साक्षात्कार का निम्न वर्णन है :-
हरिद्वार में आने पर कैसा महसूस होता है?
हरिद्वार जो है यह वैसे तो पूरे उत्तराखंड को ही कहते हैं लेकिन हरिद्वार तो है ही देवभूमि और मेरे आने का उद्देश्य भी यही है कि यहां पर जो बैठे हुए हैं, आपको यहां पर ऐसे हमारे अनन्य आत्माएं कि जिनका आशीर्वाद हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। और मैं तो यहां पहले भी आता हूं तो भी आशीर्वाद ही लेने आता हूं और यह आमतौर से भी आप देखिए कि यह वह जगह है जहां पर लोक कल्याण, सबके कल्याण की बात होती है। सबके लिए अच्छा हो इसी कामना की जाती है ऐसी प्रार्थना की जाती है। यहां पर आकर मुझे अच्छा लगता है।
पहले भी देखा जा चुका है आपका सनातन धर्म से कुछ खास लगाव है इस पर क्या कहना है आपका?
देखिए आप, हमारी प्रॉब्लम यह हुई है कि एक लंबे समय तक हमने पराधीनता का बोझ अपने कांधों पर झेला है, जो आपने कहा कि हमारी संस्कृति है यह हमारी सब की संस्कृति है और क्या किसी एक बार की बात है क्या किसी एक संप्रदाय की बात है। नहीं तो यहां तो जो बात होती है वह सबके लिए होती है सबके हित के लिए होती है सबके सुख की बात होती है। असल में यही भारतीय संस्कृति की खूबी है और यही इसकी विशेषता है। कि यहां इस संस्कृति के प्रतिनिधि के तौर पर स्वामी विवेकानंद जी ने कहा मेरे जीवन का उद्देश्य बहुत ही बहुत ही छोटे से शब्दों में मैं बता देता हूं “मानवता को उनकी दिव्यता के बारे में बताना और इस दिव्यता का प्रकटिकरण उनके सारे कामों में होना चाहिए”। उन्होंने यह भी नहीं कहा, उन्होंने भारत वासियों के लिए कहा I want to teach to mankind there divinity और उसका Manifestation of the divinity in all moments of life “जीवन के हर कार्य में उस दिव्यता का जो मानव के अंदर निहित है उसका प्रगटिकरण होना चाहिए। हमने यह खानों में बांटा है कि भारतीय संस्कृति हमेशा से हैं सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय।
हाल ही में आईएसआईएस ने मधुमेश्वर मंदिर में शिव जी का सर काट कर अपना झंडा लगाकर हिंदुओं का अपमान किया है इस पर आप क्या कहना चाहते हैं?
मैं आपसे कहना चाहता हूं आईएसआईएस तो छोड़िए ऐसे तरीके के बेहूदा लोगों को पब्लिसिटी मत दीजिए कौन इनको सपोर्ट करता है और कौन दिन को महत्व दे रहा है इन को बिल्कुल भी एकदम ऐसे लोगों को इग्नोर करना चाहिए इनकी कोई कोई भी मैं नहीं मानता कि इनकी बात को कोई भी सीरियस लेता है
केरल में देखा जाता है कि हिंदू समाज के लोगों की हत्या कर दी जाती है आपा के राज्यपाल हैं आप पर इसका क्या कहना है?
नहीं बीजेपी का अब इस तरह का कोई आरोप नहीं लग रहा। बल्कि यह बात सही है कि वहां राजनीतिक कारणों से हत्याएं हुई है लेकिन, लेकिन यह पुरानी कहानी है हाल के सालों में मैं यह नहीं कह रहा हूं मेरे जाने से भी 2 साल पहले हुई हैं। कुछ बहुत अच्छी घटना क्रम हुआ है जिसके नतीजे में वह हस्तियों का सिलसिला कई साल से चल रहा था राजनीतिक कारण से और रुक गया है। अब जो नॉर्मल अपराध होते हैं उस तरह की घटनाएं होती रहती हैं मगर, मगर जो कई सालों से पहले कुछ घटना ज्यादा ही हो रही थी राजनीतिक कारणों से तो बहुत समाप्त हो गई है।