117 वर्षीय ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता को संत समाज ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

Listen to this article

हरिद्वार की प्रख्यात धार्मिक संस्था श्री गंगा भजन आश्रम भूपतवाला में महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानन्द महाराज के सानिध्य एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज की अध्यक्षता में आयोजित श्रद्धांजलि एवं सत्रहवीं भंडारा में 117वर्षीय ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता जी को तेरह अखाड़ों के संतो महंतो एवं महामण्डलेश्वरों ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता का समूचा जीवन समाज अध्यात्म और सनातन धर्म संस्कृति को समर्पित रहा,उन्होंने जीवन भर समाज कल्याण के लिए आध्यात्म के मार्ग को अपनाकर सनातन संस्कृति को मजबूत किया,उनके शिष्य महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानन्द महाराज अपनी गुरु रामभजन माता के बताए मार्ग पर चलकर देश में सनातन धर्म संस्कृति को मजबूत करने में लगे हुए हैं। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि रामभजन माता जी का जीवन सरल सहज था, विदेश के वैज्ञानिक आयु को सौ वर्ष तक कैसे जिया जा सकता है उस पर शोध कर रहे हैं जबकि रामभजन माता जी ने भारतीय सनातन धर्म संस्कृति और आध्यात्म को अपनाकर 117 वर्ष की आयु प्राप्त की ओर शोध कर्ताओं को बता दिया कि आध्यात्म में बड़ी शक्ति है। श्रद्धांजलि एवं सत्रहवीं भंडारा के आयोजक ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता के परम शिष्य महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानन्द महाराज ने अपनी गुरु ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि अपनी गुरु के बताए मार्ग पर चलकर समाज को सनातन धर्म संस्कृति की ओर जागरूक करने का काम पूरे भारत में करेंगे और अपनी गुरु माता रामभजन के प्रकल्पों को बढ़ाने का काम देशभर में किया जाएगा। महामंडलेश्वर स्वामी चिंद विलासानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता ने समाज कल्याण के लिए अपने शिष्यों को आध्यात्म के प्रति जागरूक किया।महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि एवं महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानन्द ने कहा कि संतो महंतो का जीवन सनातन धर्म संस्कृति के लिए होता है साध्वी रामभजन माता ने जीवन पर्यंत गौ गंगा की सेवा कर आध्यात्म को मजबूत किया।

श्रद्धांजलि एवं सत्रहवीं भंडारा का संचालन आचार्य डा० हरिहरानंद शास्त्री ने किया और ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता के पौत्र शिष्य दीप्तानन्द महाराज ने श्रद्धांजलि एवं सत्रहवीं भंडारा में पधारे संतो महंतो महामण्डलेश्वरों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर चिदविलासानंद सरस्वती, ललितानंद गिरि, महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरि, महामंडलेश्वर राममुनि, स्वामी हरिभलव शास्त्री, महामंडलेश्वर बाबा हठयोगी, महामंडलेश्वर गंगादास, आचार्य सुखदेव गिरि, महंत ओम प्रकाश शास्त्री, निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरि, महंत मुकेशानंद, महंत विवेकानंद, महंत सूरजदास, महंत शुभम् गिरि, स्वामी जयानंद, महंत रघुवीर दास, महंत आलोक गिरि, महंत दामोदर दास, महंत प्रेमदास, साध्वी तृप्ता सरस्वती, साध्वी सुखजीत सरस्वती,साध्वी अमृता भारती, साध्वी कमलदीप दीदी, आचार्य चन्द्र भूषण शुक्ला सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता को श्रद्धांजलि अर्पित की।

error: Content is protected !!