हरिद्वार के इन वार्डो में बदलेगा रिवाज या फिर दोहराएगा इतिहास! क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार

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हरिद्वार नगर निकाय चुनाव को लेकर नगर पालिका नगर पंचायत की सूची जारी हो चुकी है‌। अब मेयर और वार्डों की सूची का इंतजार किया जा रहा है, शुक्रवार को हरि टीवी ने आपको हरिद्वार के कुछ वार्डो का वरिष्ठ पत्रकार द्वारा जमीनी तौर पर विश्लेषण बताया था। वही आज आपको कुछ ऐसे अवार्ड की और लिए चलेंगे जहां पर राजनीतिक गरमाई हुई है और यह कयास लगाए जा रहे हैं कि एक एक वोट इन वार्डो में बड़ा महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है।

बदलेगा रिवाज या दोहराएगा इतिहास !

सबसे पहले बात करे पांच नंबर वार्ड की, तो सवाल यही है कि क्या इस बार रिवाज बदल जाएगा या इतिहास अपने आप को फिर दोहराएगा! इस वार्ड का इतिहास रहा है कि निर्दलीय प्रत्याशी ने पिछले तीन चुनावों में जीत हासिल की है। बात करें पिछले तीन चुनाव की तो पिछली बार निर्दलीय लड़े अनिल वशिष्ठ ने जीत हासिल की थी। वही उससे पूर्व निर्दलीय लड़ने वाले लखन लाल चौहान ने जीत हासिल की थी और उससे पूर्व निर्दलीय प्रत्याशी सत्यनारायण शर्मा ने इस वार्ड से चुनाव जीता था। वही इस बार देखना होगा कि क्या इस वार्ड की जनता रिवाज बदलने जा रही है या फिर दोबारा से इतिहास दोहराया जाएगा। आपको बता दे की वर्तमान में यह वार्ड भाजपा के कब्जे में है निर्दलीय चुनाव जीतने वाले अनिल वशिष्ठ भाजपा में शामिल हो गए थे‌। भाजपा से अनिल वशिष्ठ को संभवत प्रत्याशी माना जा रहा है। तो वही उनके सामने इस बार कड़ी चुनौती देखने को मिल रही है। वरिष्ठ पत्रकार ओम गौतम फक्कड़ बताते हैं कि वार्ड में जबरदस्त मुकाबला है और एक-एक वोट इस वार्ड में प्रत्याशियों के लिए महत्वपूर्ण रहने वाला है। चुनावी मैदान में ताल ठोकने वाले प्रत्याशियों की बात करें तो लखनलाल चौहान, आशीष जैन, आम आदमी पार्टी से काका कौशल, रवि दीक्षित, दीपक पहाड़ी और कांग्रेस से संभवत बलराम गिरी उम्मीदवार हो सकते हैं। मजबूत और जमीनी स्तर के नेता यहां चुनाव लड़ने जा रहे हैं, उन्होंने बताया कि प्रत्याशियों की बढ़ती संख्या भाजपा के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है। हालांकि अनिल वशिष्ठ अपने वार्ड में सक्रिय रहे हैं। इसका लाभ उनको इस चुनाव में मिल सकता है।

वार्ड 6 में मजबूत स्थिति में कांग्रेस 

वरिष्ठ पत्रकार ओम गौतम फक्कड़ बताते हैं कि वार्ड 6 की लड़ाई भी दिलचस्प है। हालांकि लगातार जमीनी स्तर पर कार्य करते आ रहे और कांग्रेस के संभवत फिर एक बार प्रत्याशी बनने जा रहे कैलाश भट्ट की स्थिति इस वार्ड में कुछ मजबूत दिखाई देती है। उन्होंने बताया कि भाजपा से दो-तीन दावेदारों की दावेदारी के बाद उन्हें इस बार चुनाव में दमदार चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी राजकुमार अग्रवाल, अनिकेत गिरी एवं अन्य उम्मीदवारों की मौजूदगी से लड़ाई दिलचस्प हो सकती है और पार्टियों के समीकरण बिगड़ सकते हैं।

वार्ड 7 में मजबूत स्थिति में भाजपा 

वरिष्ठ पत्रकार ओम गौतम फक्कड़ ने बताया कि वार्ड नंबर 7 में भाजपा को किसी भी प्रकार की चुनौती मिलती हुई नजर नहीं आ रही है। भाजपा के युवा नेता कन्हैया खेवड़िया की धर्मपत्नी श्रुति खेवड़िया भाजपा से चुनाव मैदान में उतर गई है और कांग्रेस संगठन की इस वार्ड में कोई खास सक्रियता भी दिखाई नहीं देती। जो मुख्य कारण है कि बीजेपी इस वार्ड को आराम से जीतने में कामयाब हो जाती है।‌ हालांकि पार्षद श्रुति केवड़िया भी जमीनी तौर पर सक्रिय नहीं रहती। लेकिन कन्हैया खेवड़िया की राजनीति में सक्रियता से उनको जनता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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