बड़े चेहरे की तलाश में संघ, देहरादून में बैठक के बाद लगेगी प्रत्याशी पर मुहर, कांग्रेस के लिए हरिद्वार सीट बचाना चुनौती

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हरिद्वार मेयर सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां किसी ऐसे ओबीसी महिला चेहरे को खोज रही हैं, जिसकी आम जनता तक पहुंच हो तथा वह मजबूत तरीके से चुनाव मैदान में भी उतर सके और पार्टी को जीत दिला सके। संघ के सूत्रों के मुताबिक संघ किसी ऐसे नाम पर विचार कर रहा है जो लंबे समय से हरिद्वार में सक्रिय रहकर जनता के बीच में जाना पहचाना चेहरा हो। हरिद्वार नगर निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है, 23 जनवरी को उत्तराखंड में वोटिंग के साथ ही 25 जनवरी को चुनाव के परिणाम की घोषणा चुनाव आयोग द्वारा की जाएगी, हालांकि खास बात यह है कि इस बार चुनाव ईवीएम से न होकर बैलट पेपर से होगा। मेयर प्रत्याशियों से लेकर वार्ड अध्यक्ष तथा पार्षद प्रत्याशियों को आपराधिक मामलों में दर्ज मुकदमे का लेखा जोखा शपथ पत्र के साथ भरकर चुनाव आयोग और जिलाधिकारी को देना होगा, जिसे वह वेबसाइट पर अपलोड करेंगे ताकि जनता अपने प्रत्याशियों के बारे में जानकारी हासिल कर पाए।

सबसे चर्चित मेयर सीट में से एक बनी हरिद्वार

उत्तराखंड में सबसे चर्चित हरिद्वार मेयर सीट पर मेयर की दावेदारी के लिए दोनों ही पार्टियों में कई नेता जोर आजमाइश कर रहे हैं। रोजाना देहरादून, तो दिन में दो बार भी देहरादून के चक्कर नेताओं को अपने समर्थकों के साथ लगाकर अपनी मजबूत दावेदारी पेश करनी पड़ रही है। वहीं भाजपा संगठन में नहीं बल्कि भाजपा की रीड की हड्डी कहे जाने वाले संघ के नेताओं के भी टेलीफोन खटखटाएं जा रहे हैं और उनसे आशीर्वाद मांगा जा रहा है। वही हरिद्वार विधायक के करीबी भी टिकट होने को लेकर आश्वस्त हैं और मीडिया से बातचीत में इसका दावा भी कर रहे हैं। लेकिन बुधवार को देहरादून में होने वाली संगठन की बैठक के बाद ही हरिद्वार में प्रत्याशी पर भाजपा मौहर लगाएगी, हरिद्वार प्रभारी ज्योति प्रसाद गैरोला संगठन से रिपोर्ट लेकर देहरादून रवाना हो चुके हैं और बैठक में हरिद्वार के पदाधिकारियों को भी बुलाने के बाद एक आम सहमति बनाई जाएगी, इसमें एक दो दिन का वक़्त लगेगा।

कांग्रेस भी ढूंढ रही मजबूत प्रत्याशी

वहीं कांग्रेस भी अब तक साफ तौर पर पत्ते नहीं खोल पा रही है, कांग्रेस के नेता वकीलों से लेकर अपने शीर्ष नेताओं की चरण वंदना में लगे हुए हैं। हालांकि कांग्रेस पिछली बार निगम बोर्ड में तो आंकड़ों के हिसाब से बहुमत में नहीं आ पाई थी, लेकिन मेयर पर कांग्रेस ने कब्जा किया था। जिसे बचाए रखने के लिए वह मैदान में मजबूती से उतरने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। सोमवार को कांग्रेस कैसे दुआ प्रभारी शूरवीर सिंह सजवान पहुंचे थे और वह पार्टी नेताओं से मुलाकात कर प्रत्याशियों के बारे में जानकारी हासिल करके वापस जा चुके हैं, कांग्रेस आला कमान भी दो-तीन दिन में बैठक करके प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर सकता है।

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