बैटरी के साथ सोलर पैनल भेज कर टैक्स चोरी कर रही थी बैटरी बनाने वाली कंपनी, जीएसटी की छापेमारी में 5 करोड़ की टैक्स चोरी आई पकड़ में

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हरिद्वार 11 जुलाई 2024। SIB इकाई हरिद्वार द्वारा हरिद्वार एवं रुड़की स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में चल रही कंपनियों की गतिविधियों पर लगातार निगरानी की जाती है और इसी क्रम में कल दिनांक 09.07.2024 को एडिशनल कमिश्नर गढ़वाल जोन पी०एस० डुंगरियाल के निर्देशों पर ज्वाइन्ट कमिश्नर (वि0अनु ०शा/प्रवर्तन) राज्य कर, रूड़की (हरिद्वार ), डा० सुनीता पाण्डेय एवं ज्वाइन्ट कमिश्नर (वि0अनु 0शा/प्रवर्तन) राज्य कर, देहरादून, श्याम तिरुवा के नेतृत्व में भगवानपुर अवस्थित शिव शक्ति इंडस्ट्रियल एरिया में स्थापित एक कंपनी के साथ-साथ उसकी चार सहयोगी ट्रेडिंग फर्मों पर सर्च एवं सीजर की कारवाई की गई। यह कंपनी वर्ष – 2019 से स्थापित है तथा बैटरी मैन्युफैक्चरिंग का कार्य करती है। कंपनी द्वारा उत्तराखंड राज्य के साथ-साथ अन्य प्रदेशों को भी भारी मात्रा में बैटरी की सप्लाई की जाती है। SIB इकाई को गोपनीय जांच के दौरान इस प्रकार के इनपुट्स प्राप्त हो रहे थे कि टैक्स बचाने के उद्देश्य से इस कंपनी द्वारा बैटरी पर निर्धारित 28% जीएसटी की जगह 12% की दर से जीएसटी जमा कराने के लिए अपने बिलों में सोलर पॉवर जनरेटिंग सिस्टम की बिक्री दिखाई जा रही है। जीएसटी प्रविधानों के अंतर्गत सोलर पॉवर जनरेटिंग डिवाइसेज पर 12% की दर से करदेयता है तथा इस सिस्टम को बनाने के लिए बैटरी के अलावा सोलर पैनल, चार्ज कंट्रोलर आदि कंपोनेंट्स का एक कॉम्बिनेशन बनाने की आवश्यकता होती है। कंपनी द्वारा इसी कारण माल की बिक्री के समय बैटरी के साथ सोलर पैनल, चार्ज कंट्रोलर भी भेजे जाते थे, जबकि बैटरी की डिलीवरी के पश्चात सोलर पैनल व चार्ज कंट्रोलर वापस मंगवा लिए जाते थे और पुनः इन्हीं सोलर पैनल्स व चार्ज कंट्रोलर को अगली सप्लाई के लिए प्रयुक्त किया जाता था। सर्वेक्षण के समय टीम को कंपनी में सोलर पॉवर जनरेटिंग सिस्टम की बिक्री के लिए तैयार एक वाहन भी मिला, जिस पर लदे माल की जांच पर पाया गया की इसमें वर्ष 2021 में निर्मित पुराने सोलर पैनल लदे हैं, जबकि बैटरीज नई हैं। इस विषय में फर्म के निदेशक से पूछताछ करने पर वह कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। सर्च के दौरान कँपनी से डॉक्यूमेंट तथा डिजिटल एविडेंस लैपटॉप, डेस्कटॉप, निदेशक एवं अकाउंटेंट के मोबाइल फोन इत्यादि भी जाँच हेतु अभिग्रहीत किए गए। प्रथम दृष्टया 5 करोड़ की कर चोरी पाई गई है, जो की आगे जाँच के पश्चात और अधिक भी बढ़ सकती है। कंपनी द्वारा मौके पर 1.9 करोड़ रुपये सरेंडर किए गए। इस कार्यवाही को अंजाम देने के लिए डिप्टी कमिश्नर (वि0अनु०शा) राज्य कर, हरिद्वार, कार्तिकेय वर्मा की अगुवाई में कुल 12 टीम गठित की गई, जिसमें डिप्टी कमिश्नर सुरेश कुमार, असिस्टेंट कमिश्नर मनमोहन असवाल, मानवेन्द्र सिंह, सीमा आर्य, विनोद आर्य, अंजनी कुमार सिंह, टीकाराम चन्याल, नितिन कुमार विश्वकर्मा, अविनाश कुमार झा एवं सुनील रावत आदि अधिकारी, कर्मचारी और फॉरेंसिक टीम सहित लगभग 60 लोग शामिल थे।

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