हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन का पवित्र गोला साहेब जी का प्रकाश एवं संत पंच परमेश्वर जी का आगमन की यात्रा जो प्राचीन काल से निरंतर चलती आ रही है आज 12 वर्ष बाद श्री महंत महेश्वर दास, श्री महंत रघु मुनि एवं श्री महंत अवधेता नंद की अगुवाई में हरिपुर के हरिहर पुरुषोत्तम धाम में पहुंची जहां पंचायती उदासीन बड़ा अखाड़ा के श्री महंत कमल दास ने पवित्र गोला साहेब और संत पंच परमेश्वर का स्वागत एवं पूजन किया।
इससे पूर्व पवित्र गोला साहिब एवं संत पंच परमेश्वर की यात्रा का भ्रमण हरिपुर के ग्राम में किया गया जहां पर बड़ी धूमधाम के साथ लोगों ने यात्रा का स्वागत किया, संतों का माल्यार्पण एवं आतिशबाजी की। इसके उपरांत श्री हरिहर पुरुषोत्तम धाम में यात्रा के पहुंचने पर यात्रा का जोरदार स्वागत किया गया। एवं संत प्रवचन होने के बाद गोला साहेब की आरती हुई और अरदास हुई जिसमें सभी संत महात्माओं द्वारा गोला साहिब की अरदास कराई गई। और विश्व शांति की कामना की गई। इसके उपरांत सभी संत महात्माओं का भोजन हुआ एवं सभी भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी, राष्ट्रीय अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष एवं श्री पंचायती उदासीन बड़ा अखाड़ा के कोठारी दामोदरदास, श्री महंत सयोग्य मुनि, महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद, महामंडलेश्वर जगदीश दास, महामंडलेश्वर कपिल मुनि, महामंडलेश्वर हंस रामदास, भारत माता मंदिर के महामंडलेश्वर ललितानंद, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, हरिद्वार के पूर्व चेयरमैन सतपाल ब्रह्मचारी, भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री विकास तिवारी, हरिपुर की ग्राम प्रधान गीतांजलि ज़ख्मोला एवं तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
क्या है पवित्र गोला साहेब यात्रा?
पंचायती उदासीन बड़ा अखाड़ा के श्री महंत महेश्वर दास जी ने हरिद्वार के हृदय टाइम एवं हरि टीवी से खास बातचीत में बताया कि पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन में अत्यंत प्राचीन काल से चली आ रही पवित्र गोला साहेब की यात्रा संपूर्ण भारतवर्ष में भ्रमण करते हुए जहां कहीं भी हमारे महापुरुष संतो के आश्रम राजस्थान है एवं जहां कहीं भी हमारे भक्त सेवक या ब्राह्मण समाज जाती है वहां पवित्र यात्रा जाती है
यह पंचदेव का साक्षात स्वरूप है और शिव का साक्षात रूप है जहां भी हमारे संतो के आश्रम है वहां यह 12 वर्ष में एक बार पुनः आश्रमों में जाती है और जब भी पहुंचती है तो सारे संत समाज महापुरुष बड़े सादर सत्कार से प्रेम पूर्वक पंच परमेश्वर का स्वागत एवं पूजन करते हैं। यह हमारे संतो की बहुत प्राचीन परंपरा है और जो भी संत इसमें अरदास कर आते हैं वह सारा का सारा हम कुंभ मेले में सेवा में लगाते हैं.