हरिद्वार 31 दिसंबर 2023। हर की पौड़ी और उसके आसपास के क्षेत्र को आजकल विकसित करने की बात जोरों शोरों से की जा रही है। वहीं धार्मिक स्थलों को सौंदर्यकरण के नाम पर कई परियोजनाओं को लाने की बात भी हरिद्वार में चल रही है। हालांकि हकीकत में जमीन पर हालात कुछ और हैं। हर की पौड़ी और उसके आसपास के क्षेत्र भीख मांगने वालों की भीड़ से ग्रसित है। बाहर से आने वाले तीर्थ यात्री और श्रद्धालु हर की पौड़ी पर शांति से गंगा स्नान करने पहुंचते हैं। लेकिन यहां आते ही उन्हें भिखारियों की भीड़ से लेकर हर की पौड़ी पर टीका लगाने, पन्नी बेचने वाले और दूध बेचने वाले लोग श्रद्धालुओं का पीछा नहीं छोड़ते हैं।
रविवार को भी हर की पौड़ी से कुछ ऐसे ही दृश्य सामने आए। जिसने हरिद्वार प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर दिए, इतना ही नहीं यात्रियों के लिए हर की पौड़ी कितनी सुरक्षित है यह भी उजागर कर दिया। रविवार को हर की पौड़ी पर मौजूद भिखारी श्रद्धालुओं पर टूट पड़े, आलम तो यह हो गए कि चारों तरफ अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया। हरिद्वार में कड़ाके की ठंड पड़ रही है और गिने चुने पर्यटक या तीर्थयात्री ही हरिद्वार पहुंच रहे हैं। लेकिन स्थिति तो अब यूं हो चली है कि गर्मियों में भीड़ भाड़ की चका चौंद में जिन भिखारियों के चेहरे भी खिले नजर आते हैं। लेकिन सर्दियों आते ही तीर्थ यात्रियों की संख्या कम होने के साथ-साथ इनका व्यवहार और आचरण में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलता है।
रविवार को भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला जब दान का सामान लेने के लिए भिखारी एक दूसरे से ही उलझते नजर आए और धक्का मुक्की करते हुए भी दिखाई दिए। अब सवाल यह खड़े हो रहे हैं कि यदि कोई तीर्थ यात्री या विदेशी पर्यटक ऐसे में हर की पौड़ी पहुंचेगा तो वह अपने दिमाग में कैसी छवि लेकर यहां से जाएगा। आखिर लगातार हर की पौड़ी से ऐसी तस्वीर सामने आने के बाद कोई भी प्रशासनिक अधिकारी इस मुद्दे का हल ढूंढने में कामयाब क्यों नहीं है? दान का सामान न मिलने पर यही भिखारी यात्रियों से बदसलूकी करते हुए भी नजर आतें हैं।
कई बार तो ऐसे ही भिखारियों की भीड़ में तीर्थ यात्रियों का पर्स, मोबाइल और अन्य कीमती सामान भी गायब हो जाता है। हर की पौड़ी को विकसित करने से पहले ऐसे आसामाजिक तत्वों को वहां से हटाने की सख्त जरूरत है। जिससे हरिद्वार में आने वाले पर्यटक यहां से शांतिपूर्वक गंगा स्नान करके एक अच्छा संदेश लेकर अपने गंतव्य की ओर लौट सके।