मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट बैठक देहरादून में खत्म हो गई हैं। बैठक में कई बड़े और अहम फैसलों पर मुहर लगाई है। जो इस प्रकार हैं :-
गौला नाधोर और कोसी में पुराने रेट से ही ट्रांसपोर्टर काम करेंगे।
आवास विभाग के अनुसार एक मंजिला घर बनाने वाले क़ो सेल्फ सर्टिफिकेशन करने वालों के मकान के नक़्शे क़ो मंजूर मान लिया जाएगा।
प्रदेश की आबकारी नीति क़ो सरकार ने मंजूरी दें दी हैं।
यूपी से रेगुलर ब्रांड में 20 रूपए का अंतर नहीं होगा।
महिला कल्याण, गोवंश संरक्षण और खेल कूद कल्याण के लिए प्रति बोतल 3 रूपए अतिरिक्त ली जाएगी।
पुरानी आबकारी नीति क़ो ही सरकार ने आगे बढ़ा दिया हैं। जिनकी दुकाने हैं वो 15 प्रतिशत की वृद्धि अधिभार में करके ही अपनी दुकान रख सकता हैं।
जो दुकाने नहीं उठेंगी उसकी ही लॉटरी की जाएगी।
एमआरपी से अधिक बेचने पर दुकानों पर सस्पेंशन की कार्यवाही होगी गतिमान।
कैबिनेट में सिर्फ 3 मद।
पहला मद कोसी नदी में ट्रांसपोर्ट की मांग थी कि इनके रेट्स बढ़ गए हैं एक साल तक पुराने चार्जेस रहेंगे।
दूसरा मद आवास विभाग का मद था सरलीकरण के लिए
1 अप्रैल से लागू होगी आबकारी नीति 2023–2024
1 अप्रैल से सस्ती होगी शराब, लेकिन उत्तरप्रदेश से 15 से 20 रुपया महंगी रहेगी पहले ये गैप 100 से 150 रुपया था रेगुलर ब्रांड्स पर।
आबकारी नीति के तहत राजस्व का लक्ष्य 3600 से बढ़ाकर 4000 करोड़ कर दिया गया है।
रेगुलर ब्रांड में 20 रूपए से ज़्यादा का फर्क ना रहे इसके लिए प्रावधान किया गया है क्योंकि उत्तरप्रदेश से कई बार शिकायतें आती थी कि उत्तराखंड में शराब की तस्करी हो रही है।
पूर्व में आवंटित दुकानों के लिए अधिभार में 15% की वृद्धि के साथ दुकान को रिटेन किया जा सकता है ।
आबकारी नीति को मंजूरी
एक अप्रैल से देशी-विदेशी शराब के दाम 100 से 300 रुपये तक सस्ते हो जाएंगे।
उत्तराखंड और यूपी के बीच अलग-अलग ब्रांड की शराब के दामों के बीच 20 रुपये तक का अंतर रहेगा।
गोवंश संरक्षण के लिए प्रति बोतल एक रुपये सेस लिया जाएगा।
खिलाड़ियों के कल्याण के लिए भी प्रति बोतल एक रुपये सेस लिया जाएगा।
महिला कल्याण के लिए भी प्रति बोतल एक रुपये सेस लिया जाएगा
नक्शे पास कराने की प्रक्रिया आसान
उत्तराखंड में एकल आवास के नक्शे पास कराने की प्रक्रिया आसान हुई।
नक्शे के लिए एफिडेविट के साथ कर सकते हैं आवेदन।
सात दिन के भीतर अगर प्राधिकरण ने आपत्ति ना लगाई तो शुरू कर सकते हैं भवन निर्माण।
वाहनों का फिटनेस शुल्क
इसके तहत एक साल तक वाहनों की फिटनेस के लिए पुराना शुल्क लिया जाएगा।
एक साल बाद वाहनों की फिटनेस के लिए नया शुल्क लागू होगा।