उत्तराखंड वन विभाग में डीएफओ के पद पर तैनात रहे पूर्व आईएफएफ किशनचंद की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अपराधियों पर लगातार नकेल कसने की कोशिशों के बाद नैनीताल विजिलेंस भी हरकत में आई और उन्होंने किशन चंद को ढूंढने की तलाश तेज कर दी है। नैनीताल की विजिलेंस टीम ने कालागढ़ के डीएफओ रहे किशनचंद की तलाश में टीपीनगर स्थित आस्था नर्सिंग होम में छापा मारे की। किशनचंद पर कालागढ़ में पेड़ों के कटान सहित अन्य अनियमितताओं के आरोप में केस दर्ज है।
पूरा आईएफएस किशनचंद पर करोड़ों के घोटाले के आरोप में उनके खिलाफ जांच चल रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विजिलेंस ने किशन संसद जुड़े संबंधित मामलों में उनके भाई से भी पूछताछ की है। टीपीनगर इंस्पेक्टर संतशरण सिंह के मुताबिक मूलरूप से मलियाना निवासी किशनचंद कालागढ़ टाइगर रिजर्व प्रभाग में डीएफओ थे। वह तकरीबन दो दशक से हरिद्वार के ज्वालापुर स्थित आनंद विहार में रह रहे हैं। बताया गया कि सोमवार को उत्तराखंड विजिलेंस सेक्टर नैनीताल की टीम थाने पहुंची और टीम प्रभारी दरोगा अनिल सिंह ने किशनचंद की गिरफ्तारी के वारंट के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डीएफओ पर अवैध रूप से पेड़ों का कटान करने, फर्जी बिलों से ठेकेदारों को भुगतान करने सहित अन्य तरह से गोलमाल के आरोप में केस दर्ज है। इसके बाद टीम स्थानीय पुलिस के साथ किशनचंद के छोटे भाई जितेंद्र के आस्था नर्सिंग होम पर पहुंची। टीम ने जितेंद्र से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि किशनचंद कई साल से यहां नहीं आए हैं उन्हें मुकदमे के बारे में भी जानकारी नहीं है।
इसके बाद टीम उनके पुश्तैनी मकान मलियाना स्थित कुंआखेडा और श्याम अपार्टमेंट में जांच के लिए पहुंची लेकिन डीएफओ के बारे में कोई पता नहीं चल सका। टीम ने काफी देर तक किशनचंद की संपत्ति के बारे में भी जानकारी की। इसके बाद टीम लौट गई।