हरिद्वार 20 नवंबर 2022। अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में नया मोड़ आ गया है अंकिता के दोस्त पुष्ट ने वीडियो जारी करते हुए मामले में एक वीआईपी की पहचान करते हुए एसआईटी से मामले की जांच करने के लिए आग्रह किया है। और साथ ही उन्होंने उत्तराखंड आने पर अब उत्तराखंड पुलिस पर संदेह खड़ा करते हुए साथ में जम्मू से पुलिस लाने की बात भी कही है। 18 सितंबर की रात को हम अनंता रिसोर्ट से अंकिता भंडारी गायब हुई थी उसकी लाश 24 सितंबर को चीला बैराज से मिली थी जिसके बाद से ही प्रदेश में मामले में सीबीआई जांच की मांग होने लगी। अंकिता की हत्या करने वाले तीनों आरोपी पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य के पुत्र पुलकित आर्य, अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर फिलहाल अलग-अलग जेल में बंद है। मुख्यमंत्री धामी ने किसी भी आरोपी को ना बक्शने की बात कही थी लेकिन धीरे-धीरे समय बीतने के साथ मामला ठंडे बस्ते में जाता हुआ नजर आ रहा है। क्योंकि जिस तरह से अंकिता की हत्या होने के बाद वनंतरा रिजॉर्ट में दो बार आग लग चुकी है इससे कहीं ना कहीं मामले को राजनितिक दवाब में रफा-दफा करने की भी साफ दिखाई पड़ती है। लेकिन अंकिता के दोस्त ने एक बार फिर अपनी वीडियो डालकर मामले में हड़कंप मचा दिया है। अंकिता के दोस्त पुष्प ने खुलासा करते हुए कहा कि वह जब 16 सितंबर को रिसोर्ट में था तो उसने वहां एक अच्छे खासे कद काठी और मूंछ वाले व्यक्ति जिसके साथ लगभग 7-8 बाउंसर थे और उसके साथ उसे जुड़े हुए 8-10 व्यक्ति और भी वहां होने की बात कही है। पुष्प ने शक जाहिर करते हुए कहा है कि एसआईटी को इसका संज्ञान लेना चाहिए और हो सकता है शायद स्पेशल सर्विस लेने वाला वीआईपी वही व्यक्ति हो। साथ ही पुष्प ने यह भी कहा कि अगर ऐसा कुछ नहीं है तो 16 सितंबर को रिजार्ट में आए गेस्ट को खुद सामने आकर इस बात से ठुकराना करना चाहिए। इतना ही नहीं कानूनी लड़ाई में अंकिता के मां-बाप की मदद कर रहे डिजिटल चैनल जागो उत्तराखंड के संपादक आशुतोष नेगी ने भी इसी बात को दोहराते हुए सोशल मिडिया पर यह तक लिख दिया की लक्ष्मण झूला के एसआई मनोहर रावत ने पुष्पक को खानपुर से विधायक उमेश कुमार की तस्वीरें भेजकर वीआईपी की पहचान करने को कहा था जिसको पुष्प ने होने से इंकार कर दिया था।
यह खबर फैलते ही खानपुर से विधायक उमेश कुमार भड़क गए और उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि जो भी लोग मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं मैं उनका इलाज बांध दूंगा। अंकिता के दोस्त का सीधे तौर पर कहना है कि अगर एसआईटी 16 तारीख वाले वीआईपी को मेरे सामने लाती है तो मैं उसे अभी भी पहचान लूंगा। तो दूसरी ओर जागो उत्तराखंड के संपादक आशुतोष नेगी ने सरकारी तंत्र पर उनके खिलाफ झूठे मुकदमे में फंसाने तक का आरोप लगाया है। फिलहाल धामी सरकार भी इस मुद्दे से अभी सुरक्षित नजर नहीं आ रही है और अगर यह मामला ऐसे ही चलता रहा तो आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तराखंड में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि जनता का आक्रोश फिलहाल सड़कों पर नजर नहीं आ रहा है लेकिन जैसे ही सोशल मीडिया पर अंकिता भंडारी की बात होती है तो लोग अपना समर्थन देने के लिए उमड़ पड़ते हैं। अब देखना यह होगा क्या वाकई में इस मामले में उस चर्चित वीआईपी का नाम उजागर होगा या फिर अंकिता भंडारी हत्याकांड सरकार इतिहास के पन्नों में दर्ज होकर रह जाएगा।