हरिद्वार 8 अक्टूबर 2022। भाजपा ने आज राष्ट्रीय कार्यसमिति की घोषणा कर दी जिसमें उत्तराखंड से स्थाई सदस्यों के रूप में आमंत्रित किए गए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूरी, पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी को जगह दी है। घोषणा होते ही उत्तराखंड में भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने वरिष्ठ नेताओं को बधाई और शुभकामनाएं दी और दूसरी तरफ सियासी गलियारों में चर्चाएं भी तेज हो गई कि हरिद्वार से पांच बार के विधायक एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को इस कार्यसमिति में जगह नहीं मिल पाई! हाल ही में मदन कौशिक से भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष का पद लेकर महेंद्र भट्ट को दिया था और अटकले तो इस बात की भी तेज थे की भर्ती घोटाले सामने आने के बाद भाजपा आलाकमान नाराज है और जल्द ही दो तीन कैबिनेट मंत्रियों की छुट्टी होने वाली हैं। इसके उपरांत कैबिनेट विस्तार में हरिद्वार से भाजपा विधायक मदन कौशिक को जगह मिल सकती है। बरहाल यह सिर्फ चर्चाएं थी और इस बात को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता कि जिस तरह से उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में वोटिंग होते ही लक्सर से पूर्व भाजपा विधायक संजय गुप्ता एवं अन्य विधायकों ने सीधे तौर पर भितरघात के आरोप उस समय के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर लगाए थे। इसका खामियाजा उन्हें आज तक भुगतना पड़ रहा है।
इतना ही नहीं सूत्रों के मुताबिक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी भी मदन कौशिक से नाराज हैं और उनकी नाराजगी भी कहीं ना कहीं भाजपा आलाकमान से मिलती-जुलती नजर आ रही है। अब देखना यह होगा कि इतने विवादों में फंसे रहने के बाद आखिरकार भाजपा में मदन कौशिक के लिए क्या बचा है। वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो मदन कौशिक भी राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं और उनका सितारा हमेशा हरिद्वार से बुलंद ही रहा है चाहे विपक्ष में कोई भी क्यों ना खड़ा हो, या यूं कहें कि किस्मत के धनी मदन को आज तक राजनीति में कोई पस्त नहीं कर पाया। आने वाले दो-तीन साल भी काफी महत्वपूर्ण होने वाले हैं क्योंकि जिस तरह से हरिद्वार की राजनीति बदली है, कहीं ना कहीं आने वाले समय में जल्द ही कुछ बड़ा देखने को मिल सकता है। हरिद्वार में धामी गुट के नेता यतीश्वरानंद, कुंवर प्रणव सिंह, सुरेश राठोर, संजय गुप्ता की विधानसभा चुनाव में हार और उसके बाद संजय गुप्ता की हरिद्वार शहर में सक्रियता भी इस बात का संकेत दे रही हैं।