हवन से शुद्ध होता है वातावरण और मिलती है सकारात्मक ऊर्जा – जगद्गुरु रामानंदाचार्य अयोध्याचार्य

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हरिद्वार 7 अक्टूबर 2022। शारदीय नवरात्र के पावन अवसर पर देहरादून के हरिपुर स्थित एएनडी पब्लिक स्कूल में श्री आदिशक्ति भगवती मां नवदुर्गा चतु: सहस्त्र हवन का आयोजन किया गया। प्रथम नवरात्र के अवसर पर गणेश पूजन, कलश पूजन और यज्ञ मंडप में प्रवेश के साथ साथ मां भगवती की स्थापना की गई और वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विधि विधान के साथ हवन प्रारंभ किया गया। यह निरंतर 4 अक्टूबर यानी नवमी के दिन तक चला एवं पूर्ण आहुति और महाआरती के साथ इसका समापन हुआ। 3 अक्टूबर को संतो महंत व महामंडलेश्वर को आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर जगद्गुरु श्री रामानंदाचार्य स्वामी श्री अयोध्या चार्य महाराज ने कहा कि शास्त्रों में बताया गया है हवन में दिए गए हविष्य को अग्नि देव जिस देवता के नाम से हवन किया जाता है उन तक उनका अंश पहुंचा देते हैं। हवन से संतुष्ट होकर देवी-देवता भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं।

इतना ही नहीं हवन से जहां भी हवन किया जाता है उसके आस-पास के क्षेत्र भी जहां तक हवन का धुआं पहुंचता है वह शुद्ध और पवित्र हो जाता है। इसलिए प्राचीन काल में ऋषि मुनि नियमित हवन किया करते थे। इस अवसर पर महंत राजेंद्र दास ने कहा कि हवन करते समय देवी-देवताओं के मंत्रों का जाप किया जाता है। इन मंत्रों के जाप से वातावरण में नई ऊर्जा का सृजन होता है और मस्तिष्क पूरी तरह से शुद्ध हो जाता है।

हवन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि जब वातावरण शुद्ध होगा तो विचार भी शुद्ध ही आएंगे। इस अवसर पर महंत रघुवीर दास, महामंडलेश्वर अनंतानंद, महंत सूरज दास, बाबा हठयोगी, महंत प्रेमदास, महंत रवि देव शास्त्री, महंत दिनेश दास, महंत गुरमीत सिंह, महंत गोविंद दास आदि संत उपस्थित थे।

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