पशुपतिनाथ मंदिर में हुआ पवित्र छड़ी का पूजन, तो नवमी पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने किया कन्या पूजन

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हरिद्वार 4 अक्टूबर 2022। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े द्वारा निकाली जा रही छड़ी यात्रा मंगलवार को शारदीय नवरात्र की नवमी के पर्व पर नगर की अधिष्ठात्री देवी माया देवी की पूजा अर्चना के पश्चात नगर भ्रमण के लिए रवाना हुई। माया देवी मंदिर में कन्या पूजन के बाद अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरी गिरी महाराज , श्रीमहंत सुरेशानंद सरस्वती , राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरी, सचिव श्रीमहंत महेश गिरी, श्रीमहंत शैलेन्द्र गिरी ने विधिवत अखाड़े की परंपरा अनुसार पवित्र छड़ी की पूजा अर्चना की तथा नगर भ्रमण के लिए प्रस्थान किया।

पवित्र छड़ी छोटा बाजार, बड़ा बाजार होते हुए मोती बाजार स्थित पशुपतिनाथ महादेव मंदिर श्रवण नाथ मठ पहुंची। जहां निरंजनी अखाड़े के सचिव एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी, श्रीमहंत राघवेंद्र पुरी , श्रीमहंत राघवन ने पवित्र छड़ी की अगवानी की तथा पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा अर्चना कर अभिषेक किया। पवित्र छड़ी के प्रमुख श्रीमहंत प्रेम गिरी ने बताया कि पशुपतिनाथ मंदिर पूरे भारतवर्ष में एकमात्र मंदिर है जो कि नेपाल के काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर की प्रतिकृति है। इसका निर्माण उसी कसौटी पत्थर से हुआ था।


जिससे पशुपतिनाथ नेपाल के शिवलिंग का निर्माण किया गया है। भगवान पशुपतिनाथ का आशीर्वाद प्राप्त कर छड़ी उत्तराखंड की यात्रा के लिए 9 अक्टूबर को रवाना होगी। निरंजनी अखाड़े के राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कि कहा सनातन धर्म की रक्षा एवं स्थापना के लिए आद्य जगतगुरु शंकराचार्य ने पवित्र छड़ी यात्रा निकाली थी और चारों दिशाओं में धर्म पताका फहराते हुए चार पीठों की स्थापना की थी। इसी परंपरा की प्रतीक यात्रा का उद्देश्य धर्म स्थापना , उत्तराखंड के पौधों का संरक्षण संवर्धन और विकास करना तथा स्थानीय नागरिकों को जागरूक करना है।

इस अवसर पर नगर विधायक व पूर्व मंत्री मदन कौशिक, श्रीमहंत पशुपति गिरी, श्रीमहंत पूर्णागिरि, श्रीमहंत मनोज गिरी, महंत महेश पुरी, महंत हीरा भारती, महंत राजेंद्र गिरी, महंत वशिष्ठ गिरी, महंत राज गिरी, महंत रतन गिरी, महंत गवालापुरी, कोठारी महाकाल गिरी आदि उपस्थित थे।

नवमी पर श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने किया कन्या पूजन

हरिद्वार, 4 अक्टूबर 2022। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने रामनवमी पर कन्याओं का विधि विधान से पूजन किया और देवी स्वरूपा कन्याओं से आशीर्वाद लिया। कन्या पूजन से पूर्व श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने पूर्ण विधि विधान से गंगा पूजन किया और सोने की कान की बाली, चांदी की पैरों की पाजेब, साड़ी और श्रंग्रार का सामान मां गंगा को अर्पित किया। पूजन के पश्चात कन्याओं को उपहार एवं दक्षिणा भेंट की।

शारदीय नवरात्र की रामनवमी पर श्रवण नाथ मठ स्थित गंगा घाट पर कन्या पूजन के दौरान श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि नवरात्रों में कन्या पूजन से मां भगवती प्रसन्न होती है और भक्तों को मनवांछित फल प्रदान करती हैं। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि नवरात्रों में बेटा बेटी के बीच भेदभाव की कुरीति को समाप्त करने का संकल्प सभी को लेना चाहिए। बेटियां प्रत्येक क्षेत्र में बढ़-चढ़कर देश का नाम रोशन कर रही है। जो भारत के लिए गर्व की बात है।

उन्होंने कहा कि मठ मंदिर अखाड़े अपनी परंपरा के अनुसार भारत की आध्यात्मिक चेतना को एक सूत्र में बांधते आए हैं। प्रत्येक व्यक्ति में सनातन परंपरा को जागृत करना संत समाज का उद्देश्य है। भारत के पुनर्जागरण एवं आध्यात्मिक उत्थान में संत महापुरुषों का बहुत अहम योगदान है। इसी वजह से भारत पूरे विश्व में एक अलग स्थान रखता है। नवरात्रि पर्व दुर्गा पूजा के साथ अपने उत्कर्ष को प्राप्त होती है। इस दिन किया गया कन्या पूजन सहस्त्र गुना पुण्य फलदाई होता है जो कभी निष्फल नहीं जाता।

व्यक्ति को अलौकिक ऊर्जा के साथ सुख समृद्धि की भी प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि रामनवमी के इस पावन पर्व पर सभी को एक आदर्श पूर्ण जीवन व्यतीत करने का संकल्प लेना चाहिए। मर्यादा, करूणा, सौम्यता, दया और विनम्रता के अवतार भगवान राम शक्ति को लोकहित में प्रयोग करना ही अपना धर्म मानते थे और उनके नाम में इतनी उर्जा और चेतना है कि पत्थर भी पानी में तैरने लगते हैं।

पूजन के दौरान निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी, महंत रविपुरी, स्वामी मधुरवन, मुख्तियार रघुबन, आशुतोष गिरी, दिगंबर विनोद गिरी, संदीप अग्रवाल, सुंदर राठौर, प्रतीक सूरी आदि उपस्थित रहे।

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