ऋषिकेश 10 सितंबर 2022। उत्तराखंड में भर्ती घोटाले की आंच थमने का नाम नहीं ले रही है। इसने पूरी तरीके से भाजपा को बैकफुट पर ला खड़ा किया है, पीएम के तमाम आश्वासन के बाद भी प्रदेश का युवा काफी आक्रोशित है और भर्ती घोटाले के खिलाफ मुखर होकर अपनी आवाज बुलंद कर रहा है। आए दिन कभी उत्तराखंड बेरोजगार संघ, कभी उत्तराखंड क्रांति दल, कभी पहाड़ी आर्मी, तो कभी विपक्ष सरकार पर हल्ला बोल रहे हैं और लगातार भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहे हैं। वहीं शनिवार को भी ऋषिकेश में कांग्रेस के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी जयेंद्र रमोला ने प्रेस वार्ता की और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के दौरान की गई विधानसभा नियुक्तियों की सीबीआई जांच की मांग की। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने पार्षदों के साथ प्रेस वार्ता कर भर्ती घोटाले में हुऐ आर्थिक लेन देन के अंदेशे को देखते हुए जल्द से जल्द सीबीआई व प्रवर्तन निदेशालय की जांच करने की मांग की है।
जयेंद्र रमोला ने कहा कि विधानसभा में बैक डोर की भर्ती को विपक्ष सहित सत्ता पक्ष के लोग भी ग़लत मान रहे हैं। परन्तु हमें ये अंदेशा है कि इस भर्ती में कहीं ना कहीं बहुत बड़े स्तर पर आर्थिक लाभ लेने के लिए ये भर्तियाँ की गई है और हमें इस बात का अंदेशा इसलिये है कि पूर्व में हमारे युवा कांग्रेस के साथी अभिनव मलिक ने एक जनवरी 2022 को प्रेस व सोशल मीडिया के माध्यम से इन नियुक्तियों के होने की अग्रिम सूचना दी वो भी नामों को उजागर करके।
जबकि भर्ती को वित्तीय संस्तुति 30 मार्च 2022 को वित्तीय मंत्री बनते ही प्रेमचन्द अग्रवाल ने दी और इस पर मुख्य रूप से हम आर्थिक लाभ लेने की बात इसलिये भी कर रहे हैं कि मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल के परिवार वालों के नाम चुनाव से कुछ माह पूर्व व चुनाव के कुछ माह बाद करोड़ों रूपये की सम्पत्ति की ख़रीद की गई। ऐसी कौन सी लाटरी लगी कि विधानसभा जैसे बड़े चुनाव लड़ने के पूर्व व तुरंत बाद करोड़ों रूपयों की सम्पत्ति कहॉं से और कैसे ख़रीदी गई, हमें लगता है कि कहीं ना कहीं यह सम्पत्तियाँ विधानसभा की भर्तियों की एवज़ में ली गई है।
रमोला ने बताया कि सबसे बड़ी बात ये है कि विवादित खसरा संख्या 279/1 भरत विहार में तत्कालीन उपजिलाधिकारी द्वारा मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल के बेटे पीयूष अग्रवाल को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया और तो और नगर निगम में भी सम्पत्ति को दर्ज करवाया गया। जबकि वर्षों से वहाँ रहने वाले परिवारों को आज तक ये सुविधा नहीं दी गई, ये भी जाँच का विषय है।
रमोला ने कहा कि हम मंत्री की बर्ख़ास्तगी के साथ साथ सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में सीबीआई की जाँच व प्रवर्तन निदेशालय की जाँच माँग करते हैं, ताकि ये भर्ती के दौरान ली गई सम्पत्तियों की निष्पक्ष जाँच हो सके, क्योंकि ये हमारे उत्तराखंड के युवाओं के साथ छल करने का काम किया गया है। हम विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी से भी माँग करते हैं कि आप पूर्णत: निष्पक्ष जांच करें और दोषियों पर कार्यवाही करें अन्यथा हमें उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ेंगी।
युवा नेता एडवोकेट अभिनव सिंह मलिक ने कहा कि मैंने जनवरी के माह में पहले ही प्रेस के माध्यम से बताया था कि तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा गुप चुप तरीके से नियुक्तियां की जाने वाली है परन्तु उस वक्त सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया और बैक डोर से भर्ती की गई। इसलिये विधानसभा में जो भी भर्ती बैक डोर से की गई हैं उन्हें जल्द से जल्द निरस्त की जाएं और प्रदेश के मेहनती युवाओं को नौकरी दी जाएं। अन्यथा युवाओं सड़को पर उतरकर उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
प्रेस वार्ता में पार्षद राकेश सिंह, पार्षद देवेन्द्र प्रजापति, पार्षद शकुन्तला शर्मा, पार्षद भगवान सिंह, पार्षद अजीत सिंह गोल्डी मौजूद थे।