हरिद्वार। 15 अगस्त की रात जहां देश स्वतंत्रता दिवस के जश्न में डूबा था, और आज़ादी का 75 वां अमृत महोत्सव मना रहा था, तो वहीं दूसरी और यह दिन भारत के स्वर्णिम इतिहास में काले दिन के रूप में देखा जाएगा, क्योंकि 85 साल के इतिहास में FIFA ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ पर बैन लगा दिया। इसका सीधा-सीधा मतलब ये है कि अब न तो भारत इस साल अक्टूबर में होने वाला वीमेंस अंडर-17 फुटबॉल वर्ल्ड कप की मेजबानी कर पाएगा और न ही अपनी राष्ट्रीय फुटबॉल टीम किसी इंटरनेशनल इवेंट में खेल पाएगी। फीफा ने तीसरे पक्ष द्वारा गैर जरूरी दखल का हवाला देकर सोमवार रात यह कड़ा फैसला लिया था। फीफा ने कहा है कि निलंबन तुरंत प्रभाव से लागू होगा । फीफा ने एक बयान में कहा,‘ यह निलंबन तभी हटेगा जब AIFF यानी अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ अपनी कार्यकारी समिति की घोषणा नहीं कर देता। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद देश में फुटबॉल का कामकाज प्रशासकों की समिति यानी CoA देख रही है। फीफा भारत के खेल मंत्रालय से लगातार संपर्क में है और सकारात्मक नतीजे तक पहुंचने की उम्मीद है।
FIFA ने भारतीय फुटबॉल संघ (AIFF) को निलंबित कर दिया है।
निलंबन का मतलब यह है कि अंडर-17 महिला विश्व कप, जो भारत में 11-30 अक्टूबर के बीच होने वाला था, योजना के अनुसार देश में आयोजित नहीं किया जा सकता है। FIFA ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार गठित प्रशासकों की समिति को AIFF की कार्यकारी समिति की शक्तियां देने का आदेश वापस नहीं लिया जाता और AIFF को पूरा नियंत्रण नहीं सौंपा जाता, तब तक निलंबन जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने समिति को जल्द चुनाव कराने का आदेश दिया था।
दरअसल पहले AIFF के प्रमुख एवं NCP नेता प्रफुल्ल पटेल ने अपना कार्यकाल स्वयं ही नियम के उलट आगे बढ़ा दिया था।उसके बाद इस विवाद में सुप्रीम कोर्ट कूद गया और FIFA के नियमों के अनुसार कोई भी तीसरी पार्टी इस तरह खेल संगठन के काम में हस्तक्षेप नही कर सकती।
FIFA ने कहा कि FIFA भारत के युवा एवं खेल मंत्रालय के साथ लगातार रचनात्मक रूप से संपर्क में है और उम्मीद करती है कि अब भी एक सकारात्मक हल निकाला जा सकता है।
निलंबन का यह होगा असर :-
◆ निलंबन के दौरान, आयोजित किए जा रहे किसी भी घरेलू टूर्नामेंट को एएफसी या फीफा द्वारा मान्यता नहीं दी जाएगी।
◆ राष्ट्रीय टीमों को किसी भी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
◆ गोकुलम केरल एफसी अगले सप्ताह एएफसी महिला क्लब चैंपियनशिप में भाग नहीं ले सकता।
◆ सीनियर नेशनल टीम अगले महीने सैफ महिला चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले सकती।
◆ 7 सितंबर को एटीके मोहन बागान का एएफसी कप मैच भी अब संदिग्ध है।
अगर BCCI हो जाता बैन
वहीं जहां अखिल भारतीय फुटबॉल संघ बैन हो गया और पूरे देश में इसकी सूचना तक लोगों को नहीं है अगर ऐसा ही काम आईसीसी को फंड देने वाली बीसीसीआई के साथ हो जाता तो। पूरे देश के जनता सड़कों पर उतर जाती और यह देश का एक बहुत बड़ा मुद्दा उभरकर सामने आता, लेकिन खेलो इंडिया के साथ देश में तमाम तरह की योजना चलाने वाली सरकार और सरकार की योजनाओं को समर्थन करने वाले लोग सिर्फ क्रिकेट को ही इतना तवज्जो देते हैं कि इसलिए भारत आज तक क्रिकेट के अलावा अन्य स्पोर्ट्स में भारत आगे नहीं बढ़ पाया है। जबकि भारत से निकलकर अगर विश्व पटल पर बड़े खेलों की बात करें तो फुटबॉल दुनिया के लगभग 200 देशों में खेले जाने वाला विश्व प्रसिद्ध खेल है और इस खेल के पैमाने से दुनिया में अन्य देश किसी भी देश के हालात और हकीकत का अंदाजा लगाते हैं। तो आप समझ सकते हैं कि एआईएफएफ को फीफा द्वारा बैन किया जाना अपने आप में कितना शर्मनाक है, क्योंकि पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, मलेशिया जैसे देश फीफा में रजिस्टर्ड है।