त्याग और तपस्या के प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन स्वामी गुरु प्रेमानंद महाराज – श्रीमहंत रविन्द्र पुरी

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हरिद्वार। हरिद्वार के दूधाधारी स्थित निजात्म प्रेम धाम में दिनांक 1 अगस्त 2022 को ब्रह्मलीन स्वामी गुरु प्रेमानंद महाराज (निजात्म संसथापक) का 25 वां निर्वाण महोत्सव मनाया गया। इससे पूर्व सप्त ऋषि मार्ग स्थित गंगा माता में 29 जुलाई को एक दिवसीय निशुल्क नेत्र शिविर लगाया गया। 30 जुलाई को आश्रम में अखंड रामायण का पाठ का आयोजन हुआ।

1 अगस्त को आश्रम में संत सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी ने की। अपने अध्यक्षीय संबोधन में समारोह को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि संत परंपरा ही भारत को महान बनाती है। ब्रह्मलीन स्वामी गुरु प्रेमानंद महाराज त्याग एवं तपस्या की प्रतिमूर्ति तथा संत समाज के प्ररेणा स्रोत थे। युवा संतों को उनके आदर्शपूर्ण जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र कल्याण में योगदान करना चाहिए।

महामंडलेश्वर स्वामी शिव प्रेमानंद जी महाराज के सानिध्य में यह चार दिवसीय कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम का संचालन महामंडलेश्वर स्वामी आनंद चैतन्य महाराज ने किया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर अभ्यानंद, महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि महामंडलेश्वर गिरधर गिरी महाराज, महामंडलेश्वर कमल पुरी, महामंडलेश्वर जय देवानंद, महामंडलेश्वर कृष्ण गिरी, महामंडलेश्वर सुमन भारती, महामंडलेश्वर यती, संत कृपाल प्रेमानंद आदि संतगण उपस्थित थे।

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