दशकों से अपनी पताका फहरा रहा ऋषि संस्कृत महाविद्यालय – म०म० स्वामी भगवत स्वरुप

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हरिद्वार। खड़खड़ी स्थित निर्धन निकेतन संस्था आश्रम में आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर वार्षिक संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता गुरु मंडल आश्रम के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री स्वामी भगवत स्वरूप महाराज ने की। वार्षिक समारोह में अनेक संस्कृत महाविद्यालय एवं विद्यालयों के प्राचार्य और अध्यापक गणों ने भाग लिया समारोह में 2 महापुरुषों का सम्मान किया गया। इसमें संत समाज से महामंडलेश्वर श्री स्वामी शिवानंद महाराज एवं संस्कृत क्षेत्र से रमाकांत तिवारी को प्रशस्ति पत्र के साथ शाल देकर सम्मानित किया गया। निर्धन निकेतन आश्रम के संचालक एवं अध्यक्ष ऋषि रामकृष्ण महाराज ने सभी का स्वागत सत्कार करते हुए आव्हान किया कि हम सभी का दायित्व है कि भारतीय संस्कृति और संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए एकजुट होकर कार्य करें।

उन्होंने कहा कि उनके ब्रह्मलीन गुरुजी ऋषि केशवानंद महाराज भी जीवन भर संस्कृत भाषा को, जो देवों की वाणी है को, आगे बढ़ाने के लिए कार्य करते रहे और संस्कृत के विद्वानों के साथ-साथ विद्वान संतों का भी प्रतिवर्ष सम्मान करते रहे, उसी परंपरा को मैं भी आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा हूं। समारोह की अध्यक्षता कर रहे महामंडलेश्वर श्री स्वामी भगवत स्वरूप महाराज ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि ऋषि रामकृष्ण महाराज ने भी अपने गुरु के कार्यों को आगे बढ़ाया है। इस बात की मुझे खुशी है कि ऋषि संस्कृत महाविद्यालय
भी अपनी कीर्त की पताका चारों ओर फैला रहा है। उन्होंने कहा कि उनके गुरु जी ने भी ब्रह्मलीन गुरुमंडल पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री स्वामी रामस्वरूप जी महाराज ने भी ,जो संस्कृत के प्रकांड विद्वान थे और संस्कृत भाषा के लिए उन्होंने भी जीवन भर उल्लेखनीय कार्य किया।

उन्होंने कहा कि मुझे आज निर्धन निकेतन आश्रम रूपी संस्था में आकर इस बात के लिए प्रसन्नता है कि यहां भी कई दशकों से संस्कृत महाविद्यालय चल रहा है और मेरे आश्रम में भी संस्कृत महाविद्यालय चल रहा है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी है। समारोह में उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति देवी प्रसाद त्रिपाठके अलावा उत्तराखंड संस्कृत के निर्देशक, सहायक निदेशक, कई विद्यालयों के प्राचार्य, प्रोफेसर सहित सभी अखाड़ों के महन्त महामंडलेश्वरों सहितअनेक आश्रमों के संत महापुरुषों भी मौजूद थे। समारोह का संचालन कर रहे गरीबदास जी संप्रदाय के महंत स्वामी हरिहरानंद ने सभी का धन्यवाद किया।


इस अवसर पर महंत दामोदर दास, स्वामी हरिहरानंद, महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद, महंत सूरज दास, महंत मोहनसिंह महंत तीरथ सिंह, महंत गोविंद दास, महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद, स्वामी चिद़विलासानंद, डा.पदम प्रसाद द्विवेदी, महंत अरुणदास, स्वामी रघु वन, स्वामी दिनेश दास, महंत श्याम प्रकाश, स्वामी गंगादास उदासीन, महंत गुरमीत सिंह सहित बड़ी संख्या में संत महापुरुष एवं श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।

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