देहरादून। हरिपुर कला स्थित शौनक कुटीर आश्रम में आज महाशिवपुराण कथा के समापन अवसर पर संत सम्मेलन का आयोजन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महन्त श्री स्वामी रविंद्र पुरी महाराज की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस अवसर पर शौनक कुटीर आश्रम के अध्यक्ष एवं संस्थापक महामंडलेश्वर स्वामी अभयानंद सरस्वती महाराज ने संत सम्मेलन में आए हुए अखाड़ों एवं आश्रमों के श्री महंत एवं महामंडलेश्वरों का स्वागत किया। ज्ञात रहे कि 23 से 29 जून 2022 तक श्री महा शिव पुराण कथा की अमृत वर्षा कथा व्यास महामंडलेश्वर श्री स्वामी अभयानंद सरस्वती ने की। उन्होंने कहा संसार के कल्याण के लिए भगवान श्री शिव शंकर भोलेनाथ की महाशिवपुराण कथा ज्ञान और संस्कृति का भंडार है।
महामंडलेश्वर श्री स्वामी अभयानंद सरस्वती महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन का कल्याण करने के लिए भगवान शिव शंकर भोलेनाथ से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा के भगवान श्री भोलेनाथ का एक प्रसिद्ध नाम नीलकंठ भी है। भगवान भोलेनाथ का कंठ विषैला जहर पीने से नीला पड़ गया था, इसी कारण उनका एक नाम नीलकंठ महादेव बहुत प्रसिद्ध हैरान। संत सम्मेलन में आचार्य महामंडलेश्वर श्री स्वामी विश्वेश्वरानंद जी महाराज, महानिर्वाणी अखाड़े के पंच परमेश्वर, महामंडलेश्वर कमलानंद, स्वामी आनंद चैतन्य सरस्वती, स्वामी अनंतानंद महाराज, सहित श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के अधिकांश महामंडलेश्वर उपस्थित थे।
संत सम्मेलन में राजस्थान में गत दिवस उदयपुर जिले के अंतर्गत टेलर ( दर्जी) की नृशंस हुई हत्या की घटना पर भारी असंतोष व्यक्त करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत स्वामी श्री रवीन्द्र पुरी जी महाराज ने रोष व्यक्त करते हुए सरकार से मांग की कि दोषियों को शीघ्र से शीघ्र कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। संत सम्मेलन के समापन के अवसर पर सभी संत महापुरुषों का महामंडलेश्वर श्री स्वामी अभयानंद सरस्वती महाराज ने धन्यवाद किया।