पौड़ी। देवभूमि उत्तराखण्ड के सम्पूर्ण हिमालय क्षेत्र में गैर हिन्दुओं का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबन्धित किये जाने हेतु भारतीय संसद में विधेयक पास किये जाने के सम्बन्ध में ऑडी के रामलीला मैदान में हिंदू पंचायत का आयोजन हुआ जिसमें मुख्य अतिथि शांभवी पीठाधीश्वर अध्यक्ष शंकराचार्य परिषद स्वामी आनंद स्वरूप जी महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड में सदा से ही असंख्य ऋषि , मुनि , संत , महात्मा व महापुरुषों की जन्म व कर्म स्थली देवभूमि सत्य सनातन वैदिक हिन्दू धर्म और अध्यात्म की सुरसरि प्रवाहित होती रही है।
यहाँ की मिट्टी के कण – कण में , पानी मे , वाणी में , धमनियों में , मष्तिष्क में , रीति , रिवाज , परम्पराओं , प्रथाओं में सर्वत्र हिंदुत्व का दर्शन होता रहा है। हिन्दुत्व के सर्वाधिक मजबूत गढ़ के सर्वोच्च केंद्र ज्योतिषपीठ बद्रिकाश्रम जिसकी स्थापना स्वयं भगवान आदि शंकराचार्य जी ने किया में मुसलमानों द्वारा जब नमाज पढ़ने की घटना प्रकाश में आई तबसे समस्त हिन्दू समाज आहत है। परन्तु यह घटना अकस्मात नहीं अपितु दीर्घकालिक षड्यंत्र की दुःखद परिणति है। जनसांख्यिकी में परिवर्तन हेतु भयंकर षड्यंत्र चल रहा हैै। २००१ में भी हरिद्वार सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला शहर था , वहीं उधमसिंह नगर और देहरादून दूसरे और तीसरे मुस्लिम आबादी वाले शहर बन गए हैं।
बात करें ईसाई समुदाय की तो 10 सालों में इनकी वृद्धि दर 40 फीसद रही है। पूरे उत्तराखण्ड की दशकीय वृद्धि दर 17 प्रतिशत है परन्तु हरिद्वार और ऋषिकेश की दशकीय वृद्धि दर लगभग 34 प्रतिशत है जो इनके षड्यंत्र को दर्शाता है। उत्तराखण्ड मानव तस्करी के लिए उपजाऊ भूमि बनता जा रहा है। इस बात पर गत वर्ष ऑल इंडिया आईपीएस मीट पर दून पहुंचे सीबीआई डायरेक्टर भी चिंता जता चुके हैं। इसी बीच एसटीएफ की मानव तस्करी पर काम कर रही एएचटी ने भी आंकड़े जारी किए हैं। एएचटी ने जांच की तो पता चला कि राज्य के हर डिस्ट्रिक्ट्स से नाबालिक लड़कियां गायब हो रही हैं। जांच की गई तो पता चला कि गायब लड़कियों को मुस्लिम देशों में भेजा जा रहा है।
हिमालया कंपनी का मालिक का जो वीडियो वायरल हुआ है उसमें उसे कहते हुए सुना जा सकता है- “ सबसे पहले हम मुसलमान हैं , सेकंडरी नंबर हम इंडियन हैं । ” वीडियो में इस शख्स को ये भी कहते हुए सुना जा सकता है – “ किसी भी कानून से इस्लाम का टकराव होता है तो हम इस्लाम के साथ हैं। ” केदारनाथ में घोड़ा , खच्चरों का जो प्रयोग किया जाता है उसमें घोड़ा खच्चर यूनियन बनाई गई है जिसमें करीब आठ हजार घोड़ा और खच्चर मालिकों का इस साल रजिस्ट्रेशन था परन्तु उसमें साढ़े पांच हजार से अधिक संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल थे , जो उसी षड्यंत्र का हिस्सा हैं। मक्का – मदीना में कोई गैर मुस्लिम नहीं जा सकता , वेटिकन में कोई गैर ईसाई नहीं जा सकता परन्तु कितना दुःखद है कि देवभूमि हिमालय में गैर हिन्दू जा सकते हैं , बस सकते हैं , बेटियों की तस्करी कर सकते हैं , ड्रग्स का धंधा कर सकते हैं , आतंकवाद फैला सकते हैं , लव जिहाद कर सकते हैं , धर्मान्तरण कर सकते हैं , हिंदुओं के पैतृक रोजगार को हड़प सकते हैं , खुलेआम गुण्डई कर सकते है , पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगा सकते महोदय , इतिहास का वह क्षण हमे अवश्य याद होना चाहिए जब 1915 के कुंभ में महामना मदन मोहन मालवीय जी ने मेला शिविर में अखिल भारतीय हिंदू महासभा की स्थापना की।
महामना के बुलावे पर वीर सावरकर , केशव राव बलीराम हेडगेवार और भाई परमानंद जैसी हस्तियां उस बैठक में शामिल हुईं और अंग्रेजों से समझौते के अंतर्गत गैर हिंदुओं का प्रवेश निषेध हुआ। इतिहास में ऐसा समय अत्यंत दुर्लभ होता है जब शासक वर्ग को इतिहास रचने का अवसर प्राप्त हो। आज उत्तराखण्ड और केंद्र में भी भाजपा की पूर्ण बहुमत की मजबूत सरकारें हैं। यह प्रचण्ड बहुमत मोमिनों के कारण नहीं बल्कि हिन्दू समाज के हिन्दुत्व जागरण के उपरान्त ही प्राप्त हो सका है। इसके बाद भी यदि हम हिमालय को विधर्मियों से नहीं बचा सके तो किस मुह से हिन्दू समाज से भाजपा वोट मांगेगी और हिन्दू समाज भाजपा को वोट ही क्यों देगा ? याद रखें , अब उत्तराखण्ड भी कश्मीर बनने की राह पर अग्रसर है , और यदि ऐसा हुआ तो यह भाजपा के राज में हिन्दू समाज के इतिहास में एक कला अध्याय होगा क्योंकि जिस दिन उत्तराखण्ड कश्मीर बना उसी दिन चीन के लिए भारत में प्रवेश सुगम हो जाएगा , फिर भारत को परतंत्र होने से रोकेगा कौन ? अतः भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश व देश में हिन्दू समाज के प्रयास से प्राप्त प्रचण्ड बहुमत का सार्थक प्रयोग करते हुए , 1915 के अधिनियम की प्रेरणा से सम्पूर्ण हिमालय क्षेत्र में गैर हिंदुओं का पूर्णतः प्रवेश निषेध संबंधी अधिनिमयम तत्काल भारतीय संसद में लाकर पारित करेें।
जिससे हमारे देवालय हिमालय क्षेत्र में गैर हिन्दुओ का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित हो और हिन्दू समाज के समक्ष आसन्न संकट का समूल विनाश हो सके।
इस अवसर पर महेश स्वरूप महाराज, स्वामी आनंद स्वरूप (सर्वपति शंकराचार्य परिषद) (संस्थापक काली सेना) (संस्थापक अंतराष्ट्रीय युवा परिषद्), आशीष बलूनी प्रदेश अध्यक्ष अंतराष्ट्रीय युवा परिषद, कुसुम चमोली प्रमुख काली सेना पौड़ी आदि मौजूद थे।