गीता के अध्ययन से तनाव और चिंता से मिलती है मुक्ति – स्वामी ज्ञानानंद महाराज

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हरिद्वार 4 जून 2025। हरिद्वार के भीमगोड़ा स्थित श्री कृष्ण कृपा धाम में 31 मई से 3 जून तक गीता ज्ञान, गीता ध्यान सत्संग का आयोजन हुआ, जिसमें गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने देशभर से सत्संग में पहुंचे भक्तों को गीता के महत्व के बारे में बताया, उन्होंने कहा गीता एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है जो सनातन धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक है। गीता में आध्यात्मिक ज्ञान और जीवन के उद्देश्य के बारे में बताया गया है, जिससे हमारा जीवन धन्य हो सकता है।

साथ ही गीता में नैतिकता और मूल्यों के बारे में भी बताया गया है, जो जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद कर सकती है। इतना ही नहीं गीता में जीवन के उद्देश्य और उसके अर्थ के बारे में भी विस्तार से वर्णन किया गया है। उन्होंने कहा आजकल देखा जा रहा है समाज में लोग तनाव और चिंता में डूबे रहते हैं, गीता एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए इस परेशानी से बाहर निकाल कर अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं। गीता मे कर्म के महत्व पर जोर दिया गया है।

गीता में निष्काम कर्म के सिद्धांत को अपनाने की सलाह दी गई है। साथ ही आत्म-नियंत्रण और इंद्रियों को नियंत्रित करने के महत्व पर जोर दिया गया है। गीता के सिद्धांतों को अपनाकर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। वही गीता ज्ञान गीता ज्ञान सत्संग में सोमवार को हरियाणा के सोनीपत से सांसद सतपाल ब्रह्मचारी और हरिद्वार विधायक मदन कौशिक भी पहुंचे जिन्होंने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज से आशीर्वाद लिया और उनके मुख से गीत का सत्संग भी सुना।

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