ब्रेकिंग : रंजीत सिंह की हत्या केस में राम रहीम को उम्र कैद की सजा

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पंचकूला। रंजीत सिंह की हत्या के मामले में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की सजा पर आज सुनवाई हुई। सीबीआई की विशेष अदालत में 4 आरोपियों को पेश किया गया। वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राम रहीम की पेशी हुई। रंजीत सिंह की हत्याकांड में राम रहीम को अजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

क्या था रंजीत सिंह हत्याकांड?

10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रंजीत सिंह की हत्‍या हुई थी। डेरा प्रबंधन को शक था कि रंजीत ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी। 10 जुलाई को रंजीत सिंह अपने खानपुर कोलियां में अपने पिता को खेतों में चाय देकर लौट रहा था, तो बाइक सवार दो आरोपितों ने उसकी गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद आरोपित सबदिल और जसवीर की शिनाख्त हो गई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट रंजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी।

मामले में तीन गवाह महत्वपूर्ण थे। इनमें दो चश्मदीद सुखदेव सिंह और जोगिंद्र सिंह हैं, जिन्होंने अभियुक्तों को रंजीत सिंह पर गोली चलाते हुए देखा था। तीसरा गवाह गुरमीत राम रहीम का ड्राइवर खट्टा सिंह था, जिसके सामने रंजीत को मारने के लिए कहा गया था। आरोप है कि रंजीत सिंह हत्या में डेरा सच्चा सौदा के पांच सदस्य अवतार, इंदर सैनी, कृष्ण लाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के कहने पर रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रची थी। 31 जुलाई 2007 को साध्वी यौन शोषण, रंजीत सिंह हत्या और रामचंद्र छत्रपति हत्या केस में सीबीआइ कोर्ट में चालान पेश हो गए थे। अब राम रहीम साध्वी यौन शोषण मामले और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या केस में सुनारिया जेल में बंद है।

8 अक्टूबर को ही दोषी करार दिया गया

मामले की जांच करते हुए सीबीआई ने राम रहीम समेत 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए थे। 8 अक्टूबर 2021 को आरोपी दोषी करार दिया गया था। सजा 12 अक्टूबर को सीबीआई की विशेष अदालत की तरफ से फैसला सुनाने का ऐलान किया था।

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