नैनीताल 14 सितंबर 2022। वह कहावत तो आपने सुनी होगी कि भगवान के घर देर है, मगर अंधेर नही। ऐसा ही कुछ आज देखने को मिला है, उत्तराखंड में काफी लंबे समय से एनआईओएस डीएलएड प्रशिक्षण अपनी मांग को लेकर धरने प्रदर्शन के बाद कोर्ट की लड़ाई तक पहुंचे थे और आज उनकी ऐतिहासिक जीत हुई है। हाईकोर्ट ने अब शिक्षा भर्तियों में एनआईओएस डीएलएड प्रशिक्षण को भी आवेदन करने के योग्य ठहराया है, जिसको सरकार ने 2021 में अयोग्य करार करते हुए रोक लगा दी थी।
उत्तराखंड के अध्यक्ष कपिल देव, महासचिव पवन कुमार कैंतुरा तथा समस्त Nios अभ्यर्थियों ने कोर्ट की शरण लेने के साथ साथ देहरादून में 5 माह से अधिक समय का धरना प्रदर्शन किया, सैकड़ो ज्ञापन दिए, भूख हड़ताल किया, सचिवालय कूच किया, मुख्यमंत्री आवास कूच किया और पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का घेराव भी किया। आखिरकार 18 महीने का लंबा संघर्ष आज उनका कामयाब हुआ।
18 महीने के लंबे सँघर्ष के बाद Nios डीएलएड छात्रों ने हाईकोर्ट में केस जीत लिया है। 24 फरवरी 2021 को एनआईओएस अभ्यर्थियों द्वारा उच्च न्यायालय नैनीताल में केस दर्ज किया गया था।
पहले यह केस सिंगल बेंच में लड़ा गया, जिसमे एनआईओएस डीएलएड वालो की जीत हुई, उसके बाद यह मामला डबल बेंच में चला। 03 मार्च 2021 को भर्ती पर और 10 फरवरी के जी.ओ पर रोक लगी, फिर ततपश्चात 01 सितंबर 2021 को भर्ती पर से स्टे हटा, फिर भर्ती पर डायट डीएलएड, बाहर राज्य से किये हुए डीएलएड, शिक्षा मित्र तथा बी.एड वालो को भर्ती व कॉउंसलिंग में शामिल किया गया।
परन्तु एनआईओएस डीएलएड
वालो को कॉउंसलिंग में यह कहकर बाहर रखा गया कि इनका मामला कोर्ट में लंबित है। फिर भर्ती आगे बढ़ती रही, पद भरे जाने लगे और दूसरी तरफ एनआईओएस डीएलएड का केस लम्बा खींचता चला गया।
16 दिसंबर 2021 को Ncte के डायरेक्टर जयेश पटेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से साफ और स्पष्ट शब्दों में कहा कि एनआईओएस डीएलएड अन्य डीएलएड के समान है और ये लोग भी वर्तमान शिक्षक भर्ती में शामिल होने के पूरे हकदार हैं। परन्तु इसके बाद भी एनआईओएस डीएलएड वालो काफी लंबा इंतजार करना पड़ा। फिर 11 जुलाई से 14 जुलाई 2022 तक इस केस के मामले की अंतिम सुनवाई हाईकोर्ट में की गई। जिसमें उच्च न्यायालय नैनीताल के चीफ जस्टिस सांघी और जस्टिस खुल्बे ने दोनों पक्षो की दलीलों को ध्यानपूर्वक सुना और केस के जजमेंट को सुरक्षित रखने का निर्णय लिया गया।
करीब दो महीने बाद 14 सितंबर 2022 को जज द्वारा फाइनल फैसला एनआईओएस डीएलएड के पक्ष में सुनाया गया। और सरकार को जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का निर्णय सुनाया गया और साथ ही सरकार पर पेनल्टी के रूप में एनआईओएस डीएलएड अभ्यर्थियों को हर्जाना देना का भी आदेश दिया गया।