उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा पेपर लीक मामले में जान गिरफ्तारी का दो जारी है तो मैं ही अब आयोग के पूर्व अधिकारियों के मुश्किलें भी बढ़ना शुरु हो गई है। प्रदेश के बेरोजगार युवा आयोग के पूर्व सचिव समय कई अधिकारियों की संपत्तियों के जांच हिमांशु सर मीडिया से लेकर धरने प्रदर्शन में कर रहे थे, तो वहीं पेपर लीक मामले में अधिकारियों की संपत्ति के विजिलेंस जांच के आदेश हो गए हैं। आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी, पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी और तीन अनुभाग अफसरों के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश दिए गए हैं।
इस संबंध में अपर सचिव कार्मिक एवं सतर्कता ललित मोहन सिंह रयाल ने आदेश जारी किए हैं। अपर सचिव द्वारा जारी आदेश के अनुसार 22 जुलाई को स्तानक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक प्रकरण मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। वहीं एसटीएफ द्वारा अब तक 37 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। आयोग के पूर्व और वर्तमान अफसरों की भूमिका शक के दायरे में तो है ही लेकिन एसटीएफ को अभी तक साक्षी नहीं मिल पा रहा है।
ऐसे में पिछले कुछ दिनों पुलिस मुख्यालय ने आयोग के अफसरों के खिलाफ विजिलेंस जांच की सिफारिश के लिए शासन को पत्र भी लिखा था। इस संबंध में अपर सचिव कार्मिक एवं सतर्कता ललित मोहन रयाल ने विजिलेंस जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।जांच के दायरे में पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी, उनकी सेवानिवृत्ति के बाद प्रभार संभाल रहे पूर्व सचिव संतोष बडोनी, अनुभाग अधिकारी (गोपन) बृजलाल बहुगुणा, दीपा जोशी और कैलाश नैनवाल आएंगे। इस संबंध में जल्द ही विजिलेंस टीम बनाकर जांच शुरु कर देगी।