हरिद्वार। हरिद्वार में जहां यात्रा सीजन के टाइम पर जगह-जगह जाम की समस्या देखने को मिली और मरीजों एवं हरिद्वार वासियों को परेशान होना पड़ा तो वहीं मानसून की दस्तक के बाद हरिद्वार में जगह-जगह जलभराव की समस्या एक बार फिर सामने आ रही है।
हरिद्वार एक ऐसी जगह है जहां देश-विदेश से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं लेकिन यहां के कई क्षेत्रों के ऐसे हालात हैं जो देश में कई गांव के भी नहीं होंगे। लेकिन पांच बार से यहां के विधायक मदन कौशिक अक्सर जाम, बिजली एवं पानी कटौती और जलभराव जैसे मामलों पर चुप्पी साधे रहते हैं और ना ही कोई आम जनता की समस्याओं का कोई निराकरण करते हुए दिखते हैं इतना ही नहीं वह तो आजकल सीएम के हरिद्वार में हो रहे कार्यक्रमों से भी नदारद हैं।
लेकिन सवाल आज राजनीति का नहीं आम जनता से जुड़ा हुआ है क्योंकि चंद मिनटों की बारिश के बाद हरिद्वार में जलभराव एक आम समस्या बन गई है।
जिसे यहां की आम जनता को रोजाना दो-चार होना पड़ता है, हरिद्वार में शुक्रवार की रात को जैसे ही बारिश होनी शुरू हुई तो एक बार फिर जगह-जगह पानी भरना शुरू हो गया।
हरिद्वार का मुख्य चौराहा रानीपुर मोड़ जिसके विकास के दावे किए जाते हैं वहां पर कुछ मिनटों की ये बारिश ने पोल खोल कर रख दी।
तो वही ज्वालापुर के कटहरा बाजार और कनखल के संदेश नगर से लेकर अन्य जगहों पर भी जलभराव से स्थानीय निवासी परेशान हो गए।
आलम तो यह था कि ऋषि कुल के पास विकास कालोनी में पानी घरों में घुसने लग गया। हाल ही में हुए कुंभ कार्यों में खर्च हुए करोड़ों रुपए जो कि हरिद्वार में जलभराव की समस्या से दूर करने के लिए खर्च किए गए थे वह बर्बाद ही होते दिख रहे हैं।
क्योंकि जिस तरह से रानीपुर मोड़ पर दो-दो फीट और कटहरा बाजार में ढाई ढाई फीट पानी भर गया था यह दिखाता है कि हरिद्वार में हो रहे विकास कार्य बिना किसी प्लानिंग और मैनेजमेंट के हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इन मामलों पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि हरिद्वार उत्तराखंड की एक धार्मिक राजधानी आर्थिक राजधानी भी है जो उत्तराखंड को सबसे ज्यादा आर्थिक तौर पर मदद करती है।
अगर यहां से ऐसे हालात होंगे तो आप यह समझ सकते हैं कि उत्तराखंड के अन्य जगहों के हालात कैसे होंगे।