हरिद्वार। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को देश में सेना में भर्ती होने के लिए नई अग्निपथ योजना का ऐलान किया जिसके तहत सेना में अब साढ़े 17 साल से 23 साल तक के युवक भर्ती हो सकेंगे और वह मात्र केवल 4 साल के लिए ही अपनी सेवा देश को दे पाएंगे।
ऐलान के दिन आयु सीमा साढ़े 17 साल से 21 साल थी लेकिन जैसे ही योजना का ऐलान हुआ वैसे ही पूरे देश में जगह-जगह इस योजना का जोरदार विरोध सड़कों से लेकर सोशल मीडिया पर होने लगा।
देश के अलग-अलग राज्यों में भारतीय सेना में जाकर देश की सेवा करने वाले इच्छुक युवक सड़कों पर उतर गए और इस योजना को वापस लेने के पोस्टर लहराने लगे। वही जब गुरुवार को पूरे देश से अलग अलग तस्वीर सामने आई तो सरकार को भी मजबूर होकर आयु सीमा 21 साल से बढ़ाकर 23 साल करनी पड़ी।
बिहार के छपरा में तो यह आलम था कि विरोध कर रहे युवकों ने उग्र प्रदर्शन करते हुए ट्रेन की बोगियों में आग लगा दी। तो वही प्रदर्शन इतना तूल पकड़ता जा रहा था कि प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली हावड़ा रूट को बंद कर दिया तो वही दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे को भी चक्का जाम कर दिया गया।
आपको बता दें कि युवक इस योजना के सख्त खिलाफ इस समय दिखाई दे रहे हैं और वह मोदी सरकार से इस योजना को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। साथ ही उनका आरोप है कि सेना में कई साल से जो भर्ती पर रोक लगी हुई है उसको बहाल किया जाए।
विपक्ष भी बना रहा मुद्दा
विपक्ष ने भी इस मौके को भुनाने की पूरी कोशिश की और कल उत्तराखंड के देहरादून में कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा के नेतृत्व में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया तो वही देश में भी कांग्रेस इस योजना के खिलाफ पूरे देश में उग्र विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रही है।
सैन्य भूमि में चली लाठियां
अग्नीपथ योजना का विरोध उत्तराखंड में भी देखने को मिला जहां कल कई जिलों में अलग-अलग जगहों पर युवकों ने सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया। तो वही आज यानी शुक्रवार को पूरे देश के साथ ही अग्नीपथ योजना का अब हल्द्वानी में भी विरोध शुरू हो गया है। हल्द्वानी में आज सैकड़ों की संख्या में युवा इस योजना का विरोध करने सड़क पर उतर गए। युवाओं ने तिकुनिया चौराहे पर नेशनल हाईवे में जाम लगाकर केंद्रीय मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस दौरान प्रदर्शन कर रहे छात्रों की पुलिस और प्रशासन से भी तीखी नोकझोंक और झड़प हुई। छात्रों के सड़क पर प्रदर्शन करने से नेशनल हाईवे पर लंबा जाम लग गया। प्रदर्शन कर रहे युवाओं का हुजूम केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट के आवास की ओर कूच जा रहा था, इससे पहले प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोक दिया। प्रदर्शन कर जाम लगा रहे युवाओं को पुलिस ने लाठी चार्ज कर खदेड़ा जिसमें दर्जनों छात्र चोटिल हो गए।
इस दौरान पुलिस ने दर्जनों युवाओं को हिरासत में ले लिया। युवाओं के प्रदर्शन के कारण शहर में अराजकता का माहौल बना रहा, युवाओं ने मांग की है की इस योजना को बंद कर पुरानी व्यवस्था से ही भर्ती की जाए।
अग्निपथ योजना के तहत अब युवाओं को सेना में नौकरी के लिए केवल 4 साल का समय मिलेगा। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा सेना में लागू किए गए इस स्कीम का सेना में भर्ती होने का सपना देख रहे युवाओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है।
सेन्य भूमि में सेना प्रेमियों पर लाठीचार्ज
सबसे बड़ा सवाल तो यह खड़ा होता है कि भारतीय सेना की बात करने वाली मोदी सरकार का अब इस मामले में क्या रुख रहता है क्या किसान आंदोलन के बाद तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की तरह इस योजना को भी सरकार वापस लेगी। क्योंकि उत्तराखंड को देव भूमि के साथ-साथ सैन्य भूमि भी कहा जाता है और देश में अगर सबसे ज्यादा सैनिकों की सेवा की बात आती है तो उत्तराखंड राज्य कहीं ना कहीं उच्च स्थान पर हमेशा रहता है।
देव भूमि उत्तराखंड ने देश को कई वीर सपूत सौंपे हैं और वही हल्द्वानी में देश की सेवा करने की इच्छा रखने वाले युवकों पर लाठीचार्ज घोर निंदनीय है। अब देखना यह होगा कि अगर यह प्रदर्शन ऐसे ही चलता रहता है तो दिन प्रतिदिन सरकार के लिए सिरदर्द का कारण बनता जाएगा क्योंकि 2024 लोकसभा चुनाव भी ज्यादा दूर नहीं है और देश में युवकों की नाराजगी सरकार नहीं लेना चाहेगी।