हरिद्वार। भूपतवाला स्थित हरिहर पुरुषोत्तम भागवत धाम का ग्यारहवां वार्षिकोत्सव समारोह संत महापुरुषों की उपस्थिति में मनाया गया। इस दौरान वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ को विश्राम भी दिया गया। इस अवसर पर हरिहर पुरुषोत्तम भागवत धाम के परमाध्यक्ष कथाव्यास महामंडलेश्वर स्वामी जगदीशदास उदासीन महाराज ने कहा कि जो श्रद्धालु भक्त मां गंगा के तट पर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करते हुए गौ, गंगा, गीता, गुरुजनों की सेवा करते हैं तथा उनके बताए मार्ग पर चलते हैं। उनके स्वयं के जीवन के कल्याण के साथ साथ उनके पूर्वजों का भी कल्याण होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कार्यक्रम संयोजक महंत कमलदास महाराज ने संत महापुरूषों का शॉल ओढ़ाकर व माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस अवसर पर महंत रघु मुनि महाराज व कोठारी महंत दामोदर दास महाराज ने कहा कि भागवत कथा का श्रवण करने व संत महात्माओं के प्रवचनों को जीवन में ग्रहण करने से मनुष्य के भीतर समाया मद लोभ क्रोध ईष्र्या समाप्त होने से जीवन पवित्र बन जाता है। संत सम्मेलन का संचालन करते हुए महामंडलेश्वर हरिचेतनानन्द महाराज ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को मां गंगा के तट पर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संत महात्माओं का जीवन समाज कल्याण के लिए होता है।
मठ, मंदिर, आश्रम, धर्मशालाओं का संचालन श्रद्धालु भक्तों द्वारा दिए दान से ही होता है। सनातन संस्कृति व धर्म को पढ़ाने के लिए अपनी आय का कुछ अंश आश्रम, मंदिर, गुरुजनों की सेवा में देना चाहिए। इस अवसर पर महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद महाराज, म.म. भगवत स्वरूप, म.म. शिवानन्द, म.म. सेवादास महाराज, जूना अखाड़ा के वरिष्ठ संत देवानन्द सरस्वती, कोठारी महंत दामोदर दास महाराज, महंत रघुमुनि महाराज एवं देश के अन्य राज्यों से आए जगबीर सिंह रावत, विजेंद्र सिंह डागर, महेंद्र डागर, आजाद सिंह डागर, ओमकार सहित हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल से आए श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।