2023 तक बनकर तैयार होगा राम मंदिर, राम मंदिर में मोदी की भूमिका पर क्या बोले चंपत राय

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हरिद्वार। आज हरिद्वार में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री एवं विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय ने बताया कि कैसे यह मामला हमारे हक में आया है, उन्होंने कहा कि इसके लिए हमने बहुत लंबी लड़ाई लड़ी है और हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक हमने तत्वों के साथ अपनी बात को रखा है इसलिए यह भव्य राम मंदिर हमारे साथ साथ श्री राम के भक्तों की भी जीत है।

कैसे हुआ राम मंदिर का फैसला?

उन्होंने कहा कि एक टाइम हमने ऐसा भी देखा है जब हम से कोर्ट में यह पूछा गया कि श्री राम के जन्म का, अयोध्या का आपके पास क्या सबूत है तब सबसे ज्यादा दुख मुझे हुआ। उन्होंने पुराना वक्त याद दिलाते हुए कहा कि कैसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमीन को 3 भागों में विभाजित किया जिसको चुनौती देते हुए सभी सुप्रीम कोर्ट गए और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले को आपसी सहमति से सुलझाने का प्रस्ताव रखा। लेकिन बड़े-बड़े शांति दूतों के विफल हो जाने के बाद यह तय हो गया कि माननीय न्यायालय ही इस मामले का फैसला करेगा और अगस्त 2019 में 5-0 से सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच ने यह फैसला हमारे हक में सुनाया।

कितना आया चंदा?

उन्होंने कहा कि फैसला आने के पश्चात ही हमने भव्य राम मंदिर निर्माण की कवायद भी शुरू कर दी थी। इसलिए हमने 40 दिन पूरे देश में चंदा इकट्ठा करने की योजना बनाई जिससे कि हर व्यक्ति का योगदान भव्य राम मंदिर में हो और इसमें हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिम और क्रिस्चियन मैं भी अपना योगदान दिया। उन्होंने बताया कि इस 42 दिन के अभियान से हमने 32 सौ करोड़ रुपए इकट्ठा किए और आज भी हर दिन लगभग ₹1000000 हमारे अकाउंट में आ रहे हैं।

पूरा मंदिर पत्थर का..

उन्होंने बताया कि 15 लोगों के ट्रस्ट में 6 साधु हैं और पूरी ट्रांसपेरेंसी के साथ राम मंदिर निर्माण का कार्य तेज गति से चल रहा है, राम मंदिर के निर्माण कार्यों को बताते हुए उन्होंने कहा कि अब तक का यह एक एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसमें 17 से 18 लाख क्यूबिक फिट पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है और जब सवाल खड़ा हुआ कि इतना पत्थर कहां से आएगा तो अलग-अलग जगह के लिए अलग-अलग पत्थरों को चुना गया जैसे नीव के लिए ग्रेनाइट और मंदिर के लिए पिंक रंग का पत्थर जो भरतपुर राजस्थान से स्पेशल मंगवाया जा रहा है उन्होंने बताया कि 1000 साल तक भी इस मंदिर का कुछ ना बिगड़े इसके लिए सीबीआरआई रुड़की ने स्टेबिलिटी टेस्ट किया है और देश की बड़ी बड़ी संस्था जैसे इसरो भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर, आईआईटी रुड़की, एनआईटी, आईआईटीस के तमाम इंजीनियर और वैज्ञानिकों ने पूरे मंदिर की जमीन के नमूने एवं सभी प्रकार के टेस्ट करने के बाद ही मंदिर की रूपरेखा तैयार की गई है।

कैसा होगा मंदिर?

उन्होंने बताया कि मंदिर जमीन से लगभग 20 फीट की ऊंचाई पर होगा और पूरे मंदिर में हर जगह दरवाजों से लेकर खिड़कियों और चौखट भी पत्थर की बनाई जाएंगी, मंदिर में ग्राउंड फ्लोर के साथ-साथ पहला और द्वितीय फ्लोर होगा जिसमें ग्राउंड फ्लोर में 170 कॉलम पहले में डेढ़ सौ और दूसरे में 80 कॉलम होंगे और एक लड़की ऊंचाई 20 फिट होगी उन्होंने बताया कि मंदिर ढाई एक जमीन में तैयार हो रहा है जिसमें 6.5 एकड़ में बॉउंड्री वॉल है जिसमें जूता ले जाना और मोबाइल फोन ले जाना निषेध होगा। और पूरे मंदिर का निर्माण कार्य 18 एकड़ भूमि पर होगा।

उन्होंने बताया कि मंदिर में कोई भी सरकारी पैसे का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है ना ही कोई सरकारी संस्था का यहां इंवॉल्वमेंट है, प्रकिया को पारदर्शी रखने के लिए पेमेंट सीधा बैंक से बैंक में होती है कोई भी चेक बुक पेमेंट नहीं हो रही है, और अकाउंट की देखभाल के लिए डाटा कंसलटेंट सर्विस को रखा गया है जो पूरे मंदिर का हिसाब किताब रख रहे हैं और उन्होंने बताया कि जैसे पहले ताजमहल या और बड़ी-बड़ी इमारतें बनी जिसका कोई तथ्य नहीं है कि यह कैसे निर्माण हुई। लेकिन हम राम मंदिर के एक एक प्वाइंट को नोट कर रहे हैं जिसमें सब का तर्क और वितर्क भी लिखा जा रहा है। लास्ट में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा।

इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी, प्रांत संगठन मंत्री अभय, विश्व हिंदू परिषद के प्रांत के प्रवक्ता वीरेंद्र पाल, प्रांतीय उपाध्यक्ष कुलदीप मिश्रा, विश्व हिंदू परिषद जिला अध्यक्ष नितिन गौतम, बजरंग दल प्रांत प्रचारक पंकज चौहान आदि उपस्थित थे।

 

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