खुद को CBI अधिकारी और सुप्रीम कोर्ट का जज बताकर की 1 करोड़ 45 लाख की‌ साईबर ठगी, एसटीएफ ने दो को दबोचा

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देहरादून 8 अगस्त 2025। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, नवनीत सिंह द्वारा जानकारी दी गई कि हरिद्वार, उत्तराखंड निवासी जो सिंचाई विभाग में नहर परियोजना में अधीनस्थ अभियंता के पद से सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिक द्वारा साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में सूचना दर्ज करायी कि एक विदेशी नंबर से कॉल आई जिसमें खुद को CBI और मुंबई पुलिस अधिकारी बताया गया। उसे झूठे आरोप (मनी लॉन्ड्रिंग) में फंसाने की धमकी दी गई। धमकी व डराकर मुझे और मेरी पत्नी के बैंक खाते, एफडीआर, पीपीएफ आदि की जानकारी ली गई। फर्जी सुप्रीम कोर्ट और गिरफ्तारी वारंट के नाम पर उसे वीडियो कॉल से डराकर ₹1.45 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए गए और बाद में ठगी का एहसास हुआ की मेरे साथ साईबर ठगी हुयी है। शिकायतकर्ता को फर्जी पहचान और बैंक डिटेल्स के नाम का गलत उपयोग कर अभियुक्त द्वारा डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से उपलब्ध कराये गये विभिन्न बैंक खातो में लगभग कुल 1.45 करोड़ रुपये की धनराशी धोखाधड़ी से जमा करायी गयी।

प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत एसएसपी, एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड के दिशा निर्देशन में मामले का प्रवेक्षण अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर, पुलिस उपाधीक्षक, अंकुश मिश्रा एवं विवेचना निरीक्षक देवेंद्र साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, देहरादून के सुपुर्द कर अभियोग के शीघ्र अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये ।
साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/ रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों / व्हाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनियों, मेटा कम्पनी से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया। साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा अभियोग में प्रकाश में आए बैंक खातों तथा मोबाइल नम्बरों का सत्यापन किया गया । पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना के मुख्य आरोपी व मास्टर माइण्ड अभियुक्तो जतिन्दर कुमार, पुत्र बलवन्त राय, निवासी- मकान संख्या 34A, गली संख्या 4, नूरवाला रोड, न्यू बसंत विहार, बस्ती जोधेवाल, लुधियाना, पंजाब व मनप्रीत सिंह, पुत्र अजीत सिंह, निवासी- हाउस नं 106, बसंत विहार, नूरवाला रोड, लुधियाना, पंजाबका नाम प्रकाश में आया चिन्हित कर गिरफ्तार किया गया।

उक्त गिरफ्तार अभियुक्तो से प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्तो द्वारा बताया गया कि गिरोह बनाकर फर्जी मोबाइल नंबर, बैंक खाते, व डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रयोग कर आम जनता के साथ ठगी व घटनाओं को अंजाम देते थे। व स्वयं को सरकारी अधिकारी (CBI, पुलिस, न्यायालय) के रूप में प्रस्तुत करते हुए पीड़ितों को मनी लॉन्ड्रिंग, गिरफ्तारी, या कानूनी कार्रवाई की धमकी दी जाती थी। इसके बाद वीडियो कॉल या फोन कॉल के माध्यम से डराकर पीड़ितों से उनके बैंक डिटेल्स, एफ.डी./पी.पी.एफ., व अन्य वित्तीय जानकारी प्राप्त कर ली जाती थी। इसके अतिरिक्त प्रकाश में आये अन्य तथ्यों के आधार पर निकट भविष्य में कई अन्य बडे खुलासे होने की भी सम्भावना है।

अपराध का तरीका –

अभियुक्तगण द्वारा गिरोह बनाकर फर्जी मोबाइल नंबर, बैंक खाते, व डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रयोग कर आम जनता के साथ ठगी की घटनाओं को अंजाम देते थे। व स्वयं को सरकारी अधिकारी (CBI, पुलिस, न्यायालय) के रूप में प्रस्तुत करते हुए पीड़ितों को मनीए लॉन्ड्रिंग, गिरफ्तारी, या कानूनी कार्रवाई की धमकी दी जाती थी। इसके बाद वीडियो कॉल या फोन कॉल के माध्यम से डराकर पीड़ितों से उनके बैंक डिटेल्स, एफ.डी./पी.पी.एफ., व अन्य वित्तीय जानकारी प्राप्त कर ली जाती थी।
अभियुक्तो के बैंक खाते मे गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित NCRP पोर्टल पर चैक किया गया तो उक्त खाते के विरुद्ध शिकायतें दर्ज होना भी पायी गयी।

गिरफ्तार अभियुक्त का नाम-

1. जतिन्दर कुमार, पुत्र बलवन्त राय, निवासी- मकान संख्या 34A, गली संख्या 4, नूरवाला रोड, न्यू बसंत विहार, बस्ती जोधेवाल, लुधियाना, पंजाब
2. मनप्रीत सिंह, पुत्र अजीत सिंह, निवासी- हाउस नं 106, बसंत विहार, नूरवाला रोड, लुधियाना, पंजाब

बरामदगी -01 एप्पल iPhone 13 Pro ,01 ओप्पो A15 मोबाइल ,02 आधार कार्ड,01 पैन कार्ड, अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य ।

पुलिस टीम-

1- निरीक्षक देवेंद्र नवियाल
2- अपरउप निरीक्षक मुकेश चंद्र
3-हे०का० दिनेश पालीवाल
4-का०नितिन रमोला
5-का० गौरव देवरानी

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड नवनीत सिंह द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । किसी भी प्रकार के ऑनलाईन कम्पनी की फ्रैन्चाईजी लेने, यात्रा टिकट आदि को बुक कराने से पूर्व उक्त साईट का स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से पूर्ण वैरीफिकेशन व भली-भाँति जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर का नम्बर सर्च न करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन से सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें । इसके अतिरिक्त गिरफ्तारी के साथ-साथ साईबर पुलिस द्वारा जन जागरुकता हेतु अभियान के अन्तर्गत हैली सेवा वीडियो साइबर पेज पर प्रेषित किया गया है। जिसको वर्तमान समय तक काफी लोगो द्वारा देख कर शेयर किया गया है।

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