ब्रेकिंग : लद्दाख में खूबसूरत पैंगांग झील के पास बन रही है सड़क, सफर होगा आरामदायक, देखें तस्वीरें

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नई दिल्ली। देश में सड़कों का निर्माण निरंतर जारी है और किसी ना किसी दिन तो सड़कों के निर्माण में विश्व कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं। पूरे भारत में सरकार द्वारा सड़कों का एक जाल तैयार किया जा रहा है। जिससे लोगों को कहीं भी आने-जाने में किसी भी तरह के से परेशानी ना हो और सामान को ट्रांसपोर्ट करने में भी सुविधा मिल सके। वहीं देश की रक्षा के नजरिए से भी यह एक बहुत ही अहम योजना है। किसी भी युद्ध की परिस्थिति में सड़कों का सही होना उस देश को विजय की ओर ले जाता है। वही एक बड़ी खबर लद्दाख से आ रही है जहां पर विश्व प्रसिद्ध पौंग झील के पास सड़क निर्माण कार्य चल रहा है।

चुनौतीपर्ण हालात में विश्व प्रसिद्घ पैंगांग झील के पास स्पांगमिक से कास्केत इलाके तक 11.41 करोड़ रूपये की लागत से 28 किलाेमीटर सड़क का निमार्ण किया गया है। अभी करीब ग्यारह किलोमीटर सड़क बनाना बाकी है। बेहतर सड़क बनने से क्षेत्र के लोग उत्साहित हैं।

प्रशासन की पूरी कोशिश है कि क्षेत्र में सर्दी के बढ़ने से पहले सड़कों पर तारकोल बिछा दिया जाए। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में विकास को तेजी देने की मुहिम के तहत दूरदराज इलाकों को करीब लाने के लिए जोरशोर से नई सड़के बनाने की मुहिम जारी है। प्रशासन की पूरी कोशिश है कि क्षेत्र में सर्दी के बढ़ने से पहले सड़कों पर तारकोल बिछा दिया जाए। नई सड़कें उन्हें आर्थिक रूप से भी सशक्त बनाएंगी।

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इस नई सड़क के बनने से स्थानीय निवासियों के साथ क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों को भी बहुत फायदा होगा। हर साल हजारों पर्यटक पैंगांग झील की खूबसूरती का नजारा लेने के लिए लेह पहुंचते हैं। ऐसे में पर्यटन पर निर्भर लोगों के साथ लेह से पर्यटकों को पैंगांग तक लाने वाले टैक्सी चालकों के लिए भी नई सड़क नई उम्मीदें लाएगी।

लद्दाख विजन 2050 के तहत प्रदेश के दूरदराज इलाकों को विकसित करने की मुहिम जारी है। प्रशासनिक सचिव अजीत साहु का कहना है कि दूरदराज इलाकों में अब तक 101 किलोमीटर से अधिक सड़कों का निमार्ण किया गया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनाई जा रही इन सड़कों पर अब तक 110 करोड़ रूपये खर्च किए गए हैं। योजना के तहत दूरदराज इलाकों में नई सड़कें बनाने की कार्रवाई जोरों पर हैं।

अच्छी सड़कें न होने के कारण लद्दाख के दूरदराज इलाकों को विकास में तेजी देने में दिक्कतें आ रही थी। ऐसे में लद्दाख के केंद्र शसित प्रदेश बनने के बाद अब प्रशासन की पूरी कोशिश हैं कि सीमांत क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए सबसे पहले उन्हें सड़कों के साथ जोड़ा जाए। ऐसे में सड़कें बनाते समय यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि गुणवक्ता के सभी मानकों को पूरा किया जाए।

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