ऋषिकेश 1 मई 2024। तीर्थ और योग नगरी कहे जाने वाले ऋषिकेश में अब रिहायशी इलाकों में सड़क किनारे शराब के ठेके तेजी से खुल रहे हैं, मंगलवार को ऋषिकेश के गुमानी वाला क्षेत्र में खुले शराब के ठेके का स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध किया और ठेके का शटर आक्रोशित भीड़ ने बंद कर दिया। नौबत तो यहां तक आ गई कि प्रदर्शनकारी राष्ट्रीय राजमार्ग को भी जाम करके बैठ गए। वहीं पुलिस प्रशासन ने मौके पर स्थिति को काबू किया, और अब 50 से ज्यादा लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने के कारण मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने ठेके के विरोध में डीएम से लेकर तमाम नेताओं से वार्ता की और पत्र भी दिए, लेकिन चुनाव की वोटिंग के बाद ठेके को यहां खोलकर ऋषिकेश की मान मर्यादाओं से खिलवाड़ करने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है। ऋषिकेश के खराब होते इस माहौल के लिए प्रदर्शनकारियों ने सीधे तौर पर सरकार और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि इस क्षेत्र में लगभग आधा दर्जन से ज्यादा स्कूल हैं और ऐसे में छात्र-छात्राओ पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, स्थानीय लोगों ने कहा नेता, शासन प्रशासन युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का यह भी आरोप है कि यहां से गुजरने वाले पर्यटक इन शराब के ठेकों पर शराब पियेंगे और आसपास की महिलाओं से भी दुर्व्यवहार के मामले भविष्य में सामने आएंगे। इसका जिम्मेदार कौन होगा? आपको बता दे कि 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आबकारी नीति में बदलाव करते हुए परचून की दुकान में शराब रखने और बेचने का फैसला लिया था। जिसके बाद ऋषिकेश के IDPL क्षेत्र में एकाएक कई वाइन शॉप खुली है। जिसका लोग समय-समय पर विरोध करते आए हैं। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि ऋषिकेश जैसी अध्यात्म की जगह, जहां साधु संतों से लेकर श्रद्धालु साल भर में लाखों की संख्या में पहुंचते हैं। वहां के वातावरण पर इन शराब के ठेकों से कितना असर पड़ेगा, यह आने वाला वक्त ही बताएगा
राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित करने पर 50 से अधिक व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
गुमानी वाला क्षेत्र स्थित अमित ग्राम में सड़क किनारे खुली अंग्रेजी शराब की दुकान के विरोध में स्थानीय लोगों ने विरोध करते हुए सड़क पर धरना दे दिया। पुलिस के मुताबिक सड़क जाम होने से स्थानीय लोगों के साथ-साथ स्कूली वाहनों तथा एम्स जाने वाले मरीजों की एम्बुलेंस का आवागमन बाधित हो गया तथा स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ एम्स जाने वाले मरीजों को भी अनावश्यक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ा। मौके पर पुलिस द्वारा विरोध कर रहे लोगों को समझाने का काफी प्रयास किया गया। परन्तु वह लोग नहीं माने तथा उनके द्वारा लगभग ढाई घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित किया गया। जिस पर पुलिस द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित करने वाले व्यक्तियों की पहचान करते हुए वीरेंद्र रमोला, राजेंद्र गैरोला, विकास सेमवाल, उषा चौहान, निर्मल उनियाल सहित 50 से अधिक व्यक्तियों के विरूद्ध राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने पर धारा 341 आईपीसी के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है।