पतंजलि के 14 प्रोडक्ट्स बैन होने के बाद अब साढ़े 27 करोड़ रुपए के वसूली का नोटिस जारी, आखिर क्यों मुसीबत में फंसते जा रहे बाबा रामदेव?

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हरिद्वार 2 मई 2024। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को प्रोडक्ट्स के भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार और मामले में चल रही सुनवाई के बीच अब सीजीएसटी टीम ने गलत आईटीसी(इनपुट टैक्स क्रेडिट) क्लेम के लिए लगभग 27.5 करोड़ की वसूली का नोटिस जारी किया है। कुछ लोग इसे पतंजलि के बुरे दिनों की शुरुआत भी कह रहे हैं। 2 दिन पूर्व ही उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित आयुष विभाग ने पतंजलि के 14 प्रोडक्ट्स पर बैन लगाया है। वही लगातार विवादों में घिरती, कोर्ट की फटकार और मिडिया की किरकिरी झेल रही पतंजलि पर अब कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। आइए आपको एक-एक करके सारे मामले समझते हैं।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पतंजलि को कड़ी फटकार लगाई थी। बाबा रामदेव एवं आचार्य बाल कृष्ण को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ के आगे पेश भी होना पड़ा था। वहीं सुप्रीम कोर्ट में बाबा रामदेव के वकील की तमाम दलीलों की एक न चली और कोर्ट ने कड़े शब्दों में पतंजलि को फटकार लगाते हुए खरी खोटी सुनाई। उन्होंने भ्रामक विज्ञापन पर ऐतराज जताते हुए इसे कोर्ट के ऑर्डर की अवहेलना भी बताया था। इसके बाद पतंजलि ने हाल ही में भ्रामक विज्ञापनों को लेकर अखबारों में विज्ञापन जारी कर सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगनी पड़ी।

14 प्रोडक्ट्स पर लगा प्रतिबंध

सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और चेतावनी के बाद जागी उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि आयुर्वेदिक फार्मा की 14 दवाइयों पर प्रतिबंध लगा दिया है। बीते सोमवार को हरिद्वार के आयुष विभाग के अधिकारियों द्वारा पतंजलि पर यह कार्रवाई की गई है। बैन किए गए प्रोडक्ट्स में कई ऐसी चीजें हैं, जिनका इस्तेमाल खूब होता है। गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सोमवार शाम को हलफनामा दाखिल करके बताया कि पतंजलि के बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रसारित होने के बाद हमने कंपनी की 14 दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिन प्रोड्टक्स पर बैन लगाया गया है उनमें श्वासारि गोल्ड गोल्ड, श्वासारि गोल्ड वटी, दिव्य ब्रोनकॉम, श्वासारि गोल्ड प्रवी, श्वासारि गोल्ड अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, आईग्रिट गोल्ड और पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप शामिल हैं। इतना ही नहीं उत्तराखंड सरकार ने इन दवाओं का लाइसेंस रद्द करने के साथ-साथ उनके उत्पादन पर भी रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। इसी तरह का आदेश सभी जिला औषधि निरीक्षकों को भी भेजा गया है। इसके अलावा इसकी जानकारी केंद्रीय आयुष मंत्रालय को भी दे दी गई है।

सीजीएसटी टीम ने दिया साढ़े 27 करोड़ का नोटिस

बुरे दौर से गुजर रही पतंजलि की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, दो बड़े मामलों के बाद पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को इनपुट टैक्स क्रेडिट में गलत तरीके से क्लेम के मामले में चंडीगढ़ यूनिट की सीजीएसटी टीम ने 27.46 करोड़ के वसूली का नोटिस दिया है और पूछा है कि आपके इस गलत कार्य की क्यों ना वसूली आपसे ही की जाए? पुख्ता सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि पतंजलि ने यह रकम की भरपाई भी कर दी है। हरि टीवी ने इसकी पुष्टि के लिए पतंजलि के प्रबंधन से बात करने का प्रयास किया लेकिन फोन नहीं उठाया गया।

सरकारी विभागों द्वारा पतंजलि के खिलाफ जारी कार्रवाई को देखते हुए लगता है कि अभी बाबा रामदेव का पीछा आसानी से छूटने वाला नहीं है और आने वाले दिनों में उनकी मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं।

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