केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद, आर्मी के बैंड के धुन से गूंजी केदार घाटी, श्रद्धालुओं में दिखा भारी उत्साह

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केदारनाथ धाम 15 नवंबर 2023। चारों धाम में प्रमुख केदारनाथ धाम के कपाट भाई दूज की प्रातः सुबह विधि विधान और आर्मी के बैंड की धुन के साथ शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं और बाबा केदार नाथ की चल विग्रह डोली उखीमठ के लिए प्रस्थान कर चुकी है। वही बताया जा रहा है कि लगभग ढाई हजार श्रद्धालु बाबा केदार के कपाट बंद होने के साक्षी बने।

कपाट बंद होने से पहले गोवर्धन पूजा यानी मंगलवार की शाम को बाबा केदार की भव्य आरती की गई थी तथा कपाट बंद होने की पूरी तैयारी कर ली गई थी। इतना ही नहीं मंदिर को कई कुंतल फूलों से सजाया भी गया है‌।

केदारनाथ धाम के कपाट कार्तिक मास शुक्ल पक्ष द्वितीया, वृश्चिक राशि, ज्येष्ठा नक्षत्र के शुभ अवसर पर शीतकाल हेतु बंद किए जाते हैं।

केदारनाथ धाम में इस साल की पहली बर्फबारी हो चुकी है और कपाट बंद होने के समय भी पहाड़ों पर बर्फ की सफेद चादर बिछी थी वहीं कपाट बंद होने के समय मौसम साफ रहा और श्रद्धालुओं को ज्यादा दिक्कत होगा सामना नहीं करना पड़ा। केदारनाथ धाम में सर्दी के मौसम के बीच भक्तों का उत्साह चरम पर था और केदार घाटी हर हर महादेव और ओम नमः शिवाय के जयकारों से गूंज रही थी।

वहीं भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली हजारों तीर्थयात्रियों के साथ सेना के बैंड बाजों के साथ पैदल प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान हुई।

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि केदारनाथ धाम में कपाट खुलने की तिथि से मंगलवार 14 नवंबर रात्रि तक 1957850(उन्नीस लाख सत्तावन हजार आठ सौ पचास ) तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये।

आज ब्रह्ममुहुर्त में श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट खुल गये। मंदिर में नित्य नियम पूजा- अर्चना तथा दर्शन हुए तत्पश्चात कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत स्वयंभू शिवलिंग से श्रृंगार अलग कर केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग की उपस्थिति में पुजारी शिवलिंग ने स्थानीय शुष्क पुष्पों, ब्रह्म कमल, कुमजा,राख से समाधि रूप दिया गया। इस दौरान श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय पूरे समय मौजूद रहे। साथ ही जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के अधिकारीगण, मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, तीर्थपुरोहित समाज के पदाधिकारी मौजूद रहे। ठीक साढ़े छ: बजे मंदिर गर्भ गृह में समाधि पूजा समापन की गयी तत्पश्चात मंदिर के अंदर सभामंडप में स्थित छोटे मंदिरों को भी बंद किया गया। इसके बाद ठीक साढ़े आठ बजे केदारनाथ मंदिर के दक्षिण द्वार को बंद कर दिया गया तथा उसके तुरंत बाद पूरब द्वार को भी बंद किया गया।

इस अवसर पर भारतीय सेना, आईटीबीपी तथा दानीदाताओं ने तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे आयोजित किये थे।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि कपाट बंद होने के बाद आज श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। 16 नवंबर को पंचमुखी डोली गुप्तकाशी पहुंचेगी। 17 नवंबर शुक्रवार को भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी मूर्ति शीतकालीन पूजा स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। इसके पश्चात शीतकालीन पूजास्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में श्री केदारनाथ भगवान की शीतकालीन पूजा शुरू हो जायेगी।

इस अवसर पर मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, बीकेटीसी मुख्यकार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, तहसीलदार दीवान सिंह राणा कार्याधिकारी आरसी तिवारी, केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, थाना प्रभारी मंजुल रावत प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला, देवानंद गैरोला उम्मेद नेगी, कुलदीप धर्म्वाण, ललित त्रिवेदी सहित जनप्रतिनिधि तीर्थपुरोहित एवं हज़ारों तीर्थयात्री मौजूद रहे।

गौरतलब है कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को बंद हो रहे है। श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट गोवर्धन पूजा के अवसर पर मंगलवार पूर्वाह्न 14 नवंबर को बंद हो चुके हैं और श्री यमुनोत्री धाम आज दोपहर में शीतकाल हेतु बंद हो रहे है।

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