हरिद्वार 29 अगस्त 2023। इस वर्ष करोड़ों सनातनी रक्षाबंधन मनाने की तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति में है। कोई 30 अगस्त तो कोई 31 अगस्त को रक्षाबंधन बनाने की बात कह रहे हैं। लेकिन हरि टीवी ने आपके लिए जाने-माने पंडित शक्तिधर शर्मा से इस समस्या का हल पूछा तो उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में रक्षाबंधन 30 अगस्त को मनाना शास्त्र सम्मत इसलिए होगा क्योंकि उस दिन, गत वर्ष की भांति रक्षाबंधन का पर्व अल्पकालिक मुहूर्त रहेगा। उन्होंने कहा शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन का पर्व भद्रा रहित अपराहन व्यापिनी, पूर्णिमा में करना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार यदि पहले दिन व्याप्त पूर्णिमा के अपराहन काल में, भद्रा हो तथा दूसरे दिन उदय कालिक पूर्णिमा तिथि तक त्रिमुहूर्त – व्यापिनी हो, तो उसी उदय कालिक पूर्णिमा के अपराहन काल में रक्षाबंधन करना चाहिए। चाहे पूर्णिमा अपराहन से पूर्व ही क्यों ना समाप्त हो जाए।
इस विषय में पुरुषार्थ चिंतामणि नामक ग्रंथ का प्रमाण है।
उसमें लिखा है कि, भद्र समाप्त होने पर प्रदोष काल में ही रक्षाबंधन करने का विधान होना चाहिए। परंपरा स्वरूप उदय व्यापिनी पूर्णिमा के प्रातः काल रक्षाबंधन पर्व मनाने का प्रचलन है।
अगर 31 अगस्त 2023 को त्रिमुहूर्त न्यून उदय कालिक पूर्णिमा में अगर रक्षाबंधन करेंगे, तो वह शास्त्र सम्मत रूप से नहीं माना जाएगा।
30 अगस्त 2023 को अपराहन व्यापिनी पूर्णिया में भद्र। दोष व्याप्त है, और अगले दिन त्रि मुहूर्त व्यापिनी पूर्णिमा नहीं है। पूर्णिमा कल केवल प्रातः 7:30 पर ही समाप्त हो रहा है।
इसीलिए शास्त्रों के निर्णय के अनुसार 30 अगस्त बुधवार को ही प्रदोष काल में भद्रा रहित कल में अर्थात रात्रि 9:03 के बाद ही रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाना शास्त्र सम्मत है।