2021 में हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा में गड़बड़ी और पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एसटीएफ को मुकदमा दर्ज कर जांच के निर्देश दिए थे। वही अपने भी मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए लगभग 40 लोगों को गिरफ्तार किया और मामले की जांच अभी भी जारी है और चार्जशीट भी दाखिल होना भी बाकी है। तो वहीं दूसरी और प्रदेश में अन्य भर्तियों में हुए घोटालों की जांच भी चल रही है चाहे बात की जाए विधानसभा भर्ती घोटाला जिसमें विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने 2016 और 2021 में हुए विधानसभा भर्तियों को निरस्त करते हुए ऐतिहासिक फैसला लिया। 2015 में हुई वन दरोगा भर्ती मामले में भी जांच जारी है और अंदाजा लगाया जा रहा है कि उत्तराखंड में लगभग एक दर्जन सब इंस्पेक्टर शक के घेरे में है और इनकी गिरफ्तारी जल्द ही हो सकती है। मुख्यमंत्री उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी ने भी परीक्षा लीक प्रकरण में किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाए और एक भी व्यक्ति जो भी सम्मिलित हो को गिरफ्तार किया जाए के सख़्त निर्देश दिए गए थे। जिसपर पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है और दोषियों के विरुद्ध साक्ष्य एकत्र कर कार्यवाही के लिए एसटीएफ को निर्देश निर्गत किए जा रहे है। इसी क्रम में उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा 2016 में हुई वीपीडीओ भर्ती में पुख्ता सबूतों के आधार पर लखनऊ से आराम से कंपनी के सीईओ को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसमें न्यायालय द्वारा उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भी भेज दिया गया है। साथ ही स्नातक वीपीडीओ परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में सादिक मूसा और योगेश्वर राव को 3 दिवस पीसीआर पर एसटीएफ द्वारा लिया गया था। अभियुक्तगणो को एसटीएफ टीम द्वारा लखनऊ ,बाराबंकी आदि स्थानों पर ले जाकर केस में महत्वपूर्ण साक्ष्य संकलन कर वापस जेल भेज दिया गया है।
ब्रेकिंग : 2016 वीपीडीओ परीक्षा में अब कंपनी के सीईओ की उत्तर प्रदेश से हुई गिरफ्तारी
