उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक मामले की जांच अब सचिवालय तक पहुंच गई है जहां कल 164 रंग लाने वाला छात्र गिरफ्तार हुआ तो वही आज सुबह एक और बड़ी खबर सामने आ रही है यहां सचिवालय में तैनात अपर निजी सचिव को एसटीएफ ने पुख्ता सबूत और बयान के आधार पर गिरफ्तार किया है। वहीं मंगलवार को उसके नकलची भाई को गिरफ्तार कर लिया गया था। चचेरे भाई ने परीक्षा में नकल कर 163वीं रैंक हासिल की थी। आरोप है कि अपर निजी सचिव ने अपने घर पर परीक्षा के पेपर खरीदने की डील कराई थी। पहले जब पूछताछ हुई तो उसने सारी बात छुपाई। अब लंबी पूछताछ और अभ्यर्थियों के बयान के आधार पर उसकी संलिप्तता की पुष्टि हो गई है।
वहीं उत्तराखंड एसटीएफ इस मामले में 4 सरकारी कर्मचारी, 3 संविदा कर्मचारी समेत कुल 15 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। मंगलवार सुबह जसपुर के कासमपुर गांव निवासी एक अभ्यर्थी तुषार चौहान को गिरफ्तार किया गया था। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस परीक्षा में तुषार की 163वीं रैंक आई थी। पहले गिरफ्तार हुए कोर्ट के कर्मचारी और अन्य आरोपियों ने तुषार के बारे में बताया था। पता चला कि उसने रामनगर स्थित एक गेस्ट हाउस में पेपर हल किया था। इसके बाद उसने कई अभ्यर्थियों को यह पेपर मुहैया कराया था। इस काम में उसने भी लाखों रुपये लिए थे। आरोपी को न्यायालय के आदेश पर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।
पूछताछ में तुषार ने सचिवालय में तैनात अपने भाई गौरव चौहान का नाम भी लिया था। गौरव वहां लोक निर्माण एवं वन विभाग में अपर निजी सचिव है। गौरव चौहान को भी एसटीएफ ऑफिस पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पता चला था कि गौरव ने अपने घर दो अभ्यर्थियों से 15-15 लाख रुपये में सौदा किया था। जब रिजल्ट आया तो इसमें से 24 लाख रुपये लिए भी गए। पूछताछ में पहले तो गौरव इन बातों से इनकार करने लगा, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों से गौरव के घर में अभ्यर्थियों के आने का पता चला। लंबी पूछताछ के बाद गौरव चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया। एसएसपी ने बताया कि आरोपी को बृहस्पतिवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा। पूछताछ में कई और लोगों के नाम भी सामने आए हैं। इन्हें भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
कई अभ्यर्थी स्वीकार कर रहे अपनी गलती
एसएसपी ने बताया कि अभ्यर्थियों से अपनी गलती स्वीकार करने की अपील की गई थी। इसके बाद से लगातार कुछ अभ्यर्थी आकर अपने बयान दर्ज करा रहे हैं। जो अभ्यर्थी सही बात बता रहे हैं, उनसे शपथपत्र लिए जा रहे हैं। इसके अलावा जो लोग जानबूझकर गलती कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है। इन्हीं में से एक था तुषार चौहान, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
ये है पूरा मामला
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने स्नातक स्तरीय परीक्षा गत वर्ष दिसंबर में कराई थी। इसके बाद से ही लगातार इसमें धांधली की बात सामने आ रही थी। बीती 22 जुलाई को मुख्यमंत्री के निर्देश पर रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। तब इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई। इसके बाद से ही एसटीएफ कड़ियां जोड़कर पूरे मामले की जांच में जुटी है।
टेलीग्राम एप पर किया था पेपर लीक
परीक्षा का पेपर लीक करने वाले को भी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। यह भी आयोग की आउटसोर्स कंपनी आरएमएस सॉल्यूशन का कर्मचारी था। इसकी जिम्मेदारी पेपर छपने के बाद सील करने की थी, लेकिन शातिर ने तीनों पालियों के एक-एक सेट को टेलीग्राम एप के माध्यम से अपने साथियों को भेज दिया। इस काम के लिए उसे 36 लाख रुपये मिले थे।