ब्रेकिंग : हरिद्वार में उठी धार्मिक संपत्तियों के संरक्षण और मठ मंदिरों के सुरक्षा की मांग

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हरिद्वार। संत समाज ने बैठक कर मठ, मंदिर, आश्रम, अखाड़ों को अवैध कब्जों से बचाने और धार्मिक संपत्तियों के संरक्षण व सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार से कड़ा कानून बनाने की मांग की है। कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में आयोजित संत समागम की अध्यक्षता करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि धार्मिक संपत्तियों पर कब्जा किए जाने की घटनाएं चिंता का विषय हैं।

अखाड़े सनातन परंपरा के प्रहरी हैं। अखाड़ा परिषद संतों की सर्वोच्च संस्था है। किसी भी अखाड़े या धार्मिक संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा करने के प्रयासों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। अखाड़ों की अपनी परंपरांए हैं। लेकिन कुछ असामाजिक तत्व अखाड़ा परंपरा को नुकसान पहुंचाने का प्रयास रहे हैं। अखाड़ा परंपरा को नुकसान पहुंचाने वालों बख्शा नहीं जाएगा। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि शीघ्र ही संत समाज का एक प्रतिनिधिमण्डल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री से मिलकर संत समाज की समस्याओं से अवगत कराते हुए मठ, मंदिर, आश्रम, अखाड़ों की धार्मिक संपत्तियों को अवैध कब्जों से बचाने के लिए कड़ा कानून बनाने की मांग करेगा ।

जयराम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि धर्मनगरी हरिद्वार में अखाड़ों, आश्रम पर असामाजिक तत्वों द्वारा कब्जे की घटनाएं निंदनीय हैं। समस्त संत समाज एकजुट होकर इसका विरोध करेगा। असामाजिक तत्वों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। निर्मल अखाड़े पर अवैध रूप से काबिज होने का प्रयास कर रहे असामाजिक तत्वों के खिलाफ पुलिस प्रशासन को समय रहते कार्रवाई करनी चाहिए। क्योंकि हरिद्वार में पहले भी धार्मिक संपत्तियों पर कब्जे को लेकर कई संतों की हत्याएं तक हो चुकी है।

पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि धार्मिक सपंत्तियों पर कब्जे के किसी भी षड़यंत्र को संत समाज कामयाब नहीं होने देगा। सरकार को मठ मंदिरों, आश्रम, अखाड़ों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए। निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि निर्मल संपळूदाय से जुड़े संत महापुरूष सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार में अपना योगदान दे रहे हैं। लेकिन कुछ असामाजिक तत्व निर्मल अखाड़े के खिलाफ लगातार षड़यंत्र कर रहे हैं। पूर्व में संत समाज की एकजुटता के चलते ऐसे तत्वों के मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए थे। उन्होंने कहा कि अब दोबारा से अखाड़े पर अवैध कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है।

सरकार को इसे गंभीरता से लेते हुए असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी ने कहा कि आश्रम अखाड़ों की धार्मिक संपत्तियों पर कब्जे की घटनाओं को रोकने के लिए संत समाज एकजुट है और आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगा। निर्मल अखाड़े के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह, महंत अमनदीप सिंह एवं संत जरनैल सिंहने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया।

बैठक में स्वामी ऋषि रामकृष्ण, स्वामी रविदेव शास्त्री, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, महंत ऋषिश्वरानंद, स्वामी हरिहरानन्द, महंत प्यारा सिंह, महंत अरूण दास, महंत दामोदर दास, महंत खेमसिंह, संत सुखदेव सिंह नामधारी, महंत प्रह्लाद दास, महंत सूरज दास, महंत गोविंददास, महंत बिहारी शरण, महंत राममुनि, महंत हरदेव सिंह, महंत गुरविन्दर सिंह, स्वामी दिनेश दास सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष मौजूद रहे।

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