डीएम की सराहनीय पहल, बिन पिता की निर्धन होनहार इंजीनियर बिटिया को प्रतिष्ठित संस्थान में बतौर लैब आफिसर्स नियुक्ति

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देहरादून दिनांक 23 नवम्बर 2025। चन्द्रबनी निवासी प्रियंका कुकरेती ने माह अक्टूबर में अपनी माता संग जिलाधिकारी सविन बंसल से उनके कार्यालय कक्ष में मिलकर गुहार लगाई थी कि उनकेे परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है, पिता की वर्ष 2021 में मृत्यु हो गई है भाई दिव्यांग है। जिस पर जिला प्रशासन ने प्रियंका को रायफल फंड से 25 हजार आर्थिक सहायता प्रदान की थी। प्रियंका द्वारा जिलाधिकारी से रोजगार दिलाने का अनुरोध किया गया था जिस पर प्रियंका को उनकी योग्यता के अनुसार निजी शैक्षिण संस्थान में रोजगार दिलाया था। निजी संस्थान में नौकरी मिलने उपरांत अपनी माता संग जिला प्रशासन का धन्यवाद करने कलेक्ट्रेट पहुंची प्रियंका ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर उनका व उनकी टीम का धन्यवाद किया।

विगत दिवस प्रियंका अपनी माता संग जिलाधिकारी को धन्यवाद देने पंहुची कलेक्टेªट पंहुची। जिलाधिकारी ने पूछा की क्या आप नौकरी के साथ आगे पढाई जारी रखना चाहती हैं, जिस पर प्रियंका ने हामी भरी, जिलाधिकारी ने तत्काल ही प्रियंका की एमटैक में दाखिला दिलाने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया। प्रियंका की उच्च शिक्षा में होने वाले किताबों, फीस का वहन जिला प्रशासन एवं निजी संस्थान करेगा।

मुख्यमंत्री के शिक्षित बेटियां सशक्त समाज के संकल्प को जिल प्रशासन देहरादून चरितार्थ कर रहा है। जिला प्रशासन के एकल स्ट्रोक से खराब आर्थिक रूप से ग्रसित असहाय, व्यथित कन्याओं, बालिकाओं को शिक्षित, सेवायोजित करने व मातृशक्ति को सशक्त बनाने हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।  खराब आर्थिक स्थिति से ग्रसित बिन पिता की होनहार इंजीनियर बेटी प्रियंका कुकरेती को निजी संस्थान में बतौर लैब आफिसर्स सेवायोजित करने के उपरान्त अब जिला प्रशासन प्रियंका की शिक्षा को पुनर्जीवित करते हुए। एमटैक में दाखिला दिलाने जा रहा है, जिसके लिए जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया है। अगले सत्र में प्रियंका को इसी संस्थान में स्नात्कोत्तर में दाखिला मिल जाएगा। प्रियंका को जल्द ही निजी संस्थान में एमटैक में दाखिला मिल जाएगा, डीएम ने वचन दिया है। साथ ही कहा कि वह अपनी शिक्षा जारी रखे जिला प्रशासन हरसंभव मदद करेगा।  जिला प्र्रशासन प्रतिभाशाली बेटियों के कदम नहीं रुकने देगा इसके लिए प्रशासन हरहाल मेें बेटियों की शिक्षा पुनर्जीवित करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। जिलाधिकारी के सम्मुख आए दिन ऐसे प्रकरण आ रहे जिससे पारिवारिक स्थति खराब होने के कारण होनहार बेटियों की शिक्षा बाधित हो रही है। इसी के लिए जिला प्रशासन नंदा-सुनंदा योजना के अन्तर्गत बालिकाओं की शिक्षा को पुनर्जीवित किया जा रहा है। अब तक लभभग 32 लाख धनराशि से 90 बालिआकों की शिक्षा पुनर्जीवित की गई है।