वर्ल्ड डायबिटीज डे पर हरिद्वार में आयोजित हुआ निशुल्क कैम्प, डायबिटीज़ से बचने के लिए देखें वीडियो

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हरिद्वार। 1989 से शुरू हुए डायबिटीज के विरुद्ध अभियान को जारी रखते हुए सिंघल डायबिटिक क्लिनिक ने अपने 58 वें फ्री डायबिटिक कैंप का आयोजन किया जिसमे हरिद्वार के अतिरिक्त ऋषिकेश, डोईवाला, मोतीचूर से आए हुए 100 से अधिक रोगियों ने लाभ उठाया। आज के दिन की खास बात ये भी थी की आज से 100 वर्ष पूर्व डायबिटीज की इंसुलिन का अविष्कार हुआ था।

इस अवसर पर डायबिटिक रोगियों को डॉ सिंघल दंपत्ति ने ब्लड शुगर को नियंत्रण करने पर जोर देते हुए कहा कि इस रोग के अनियंत्रित होने के कारण आँख, हार्ट और किडनी के रोगियों  कि संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो कष्ट दायक होने के साथ साथ महिंगे और परिजनों के लिये भी मुसीबत बनजाते हैं।

कोरोना महामारी में भी डायबिटीज के रोगियो को बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा, साथ ही डायबिटीज के रोगियों की मृत्यदर भी कोरोना में अधिक रही। एटा खड़े के मुताबिक 57% लोग कोरोनावायरस में मरने वाले डायबिटीज के मरीज थे।

अतः सभी रोगी निरंतर ब्लड शुगर को कंट्रोल रखें। चिकितिस्य परामर्श से ही औषधि का सेवन करें। टीवी, न्यूज़ पेपर, व्हाट्सअप अथवा किसी मैगज़ीन के किसी विज्ञापन से आकर्षित होकर स्व चिकित्सा ना करें।

डॉ अलका सिंघल ने रोगियों को बतया कि इंटरनेशनल डायबिटिक फेडरेशन ने यह वर्ष एक्सेस टू डायबिटीज केअर को समर्पित किया है। यानी उपलब्ध साधनो से  इस रोग से बचाव तथा देख रेख करे और बाहर दुकानों पर बिक रहे फास्ट फूड एवं जंक फूड से दूर रहें, जिससे सबसे ज्यादा बीमारी आजकल फैल रही है और पारिवारिक एवं सामाजिक जिम्मेदारी के बीच रोग को भी नियन्त्रण मे रखें।

डायबिटिक कैंप को सफल बनाने मे शहर के गणमान्य व्यक्तिओ, व्यापार मंडल के अधिकारी, सदस्यों के अतिरिक्त  माइक्रो फार्मा, सिम्बियोटिक फार्म, पनासिया फार्मा, एरिस्टो फार्मा आदि ने सहयोग दिया।

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