हरिद्वार 22 जून 2024। दिनांक- 21/06/24 को दसवाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अबसर पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मदरहुड विश्वविधालय के सभी संकायों के डीन और समस्त शिक्षक एवम् छात्रों ने योगासन किया। जिसमें योगाचार्य डॉ रितेश ने सभी को विभिन्न प्रकार के योग आसन करवाये।कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविधालय के माननीय कुलपति प्रो०(डॉ०) नरेंद्र शर्मा ने किया। और स्वयं भी सभी के साथ योग क्रियाएँ की।
हम सभी को ज्ञात है कि योग हमारी विरासत और प्राचीन संस्कृति की पहचान है जो पूरे विश्व में लोगों द्वारा अपनाया गया है। आज योग दिवस एक वैश्विक उत्सव बन गया है। आप भी रोग मुक्त जीवन के लिए योग को अपनाएं और अपने जीवन में नई ऊर्जा का संचार करें।
कार्यक्रम के अंत में माननीय कुलपति जी ने सभी को योग दिवस पर उपलक्ष पर संकल्प दिलवाया। मंच का संचालन डॉ पी के अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव अजय गोपाल शर्मा, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ अनुज शर्मा,डॉ अजीत सिंह, डॉ रवींद्र,डॉ अनुपम गुप्ता, डॉ हर्षा शर्मा, डॉ सीमा तोमर, डॉ अलका, डॉ जे एस पी श्रीवास्तव, डॉ विकास गुप्ता, हेमंत कपूर और समस्त शिक्षक उपस्थित रहे।
एचईसी कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया
आज एईसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स, हरिद्वार में आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर संस्थान के छात्रों एवं शिक्षणगणों ने योग किया। योगा शिक्षिका कीर्ति हंस के द्वारा उपस्थित सभी छात्र/छात्राओं व शिक्षकों को योगासन कराया एवं विभिन्न योग मुद्राओं जैसे मकरासन, वज्रआसन, अनुलोम विलोम, प्राणायाम व सूर्य नमस्कार कराया व उनके माध्यम से शरीर पर होने वाले स्वस्थ प्रभाव के बारे में बताया। संस्थान की राष्ट्र्ीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम अधिकारी श्री उमराव सिंह ने योग की महत्ता से छात्रों को अवगत कराया एवं प्रतिदिन योग करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर संस्थान के चेयरमैन श्री संदीप चौधरी ने सभी को विश्व योग दिवस पर बधाई दी एवं बताया कि योग करने से स्वस्थ शरीर के साथ साथ मानसिक एवं आत्मिक लाभ भी मिलता है, साथ ही यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाता है।
इस अवसर पर में विभागाध्यक्ष डा0 तृप्ति अग्रवाल, तारा सिंह, ललित जोशी, राहुल शर्मा, इशांत, अजय रावत, शशि जोशी, रमाकान्त पाल आदि स्टॉफ व शिक्षकगण एवं मनन मल्होत्रा, प्रियांशी द्विवेदी, निहारिका, नितिन, अनीशा, कार्तिक, वंश छाबडा आदि छात्र/छात्रायें उपस्थित थे।