उत्तराखंड में पिछले 7 दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में बारिश के कारण 150 से ज्यादा सड़के बंद है कई इलाकों में बिजली की सप्लाई ठप है, जबकि भारी बारिश के चलते चार धाम यात्रा मार्ग भी कई जगह अवरुद्ध हुआ है। बद्रीनाथ और केदारनाथ मार्ग कई जगह से बंद है जिसको देखते हुए चार धाम यात्रा को भी रोकना पड़ा है। मौसम विभाग ने अगले 10 जुलाई तक पूरे प्रदेश में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है जिसको देखते हुए सभी रेस्क्यू टीमों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तराखंड में भारी बारिश ने ऐसी तबाही मचाई है कि प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में पानी ही नजर आ रहा है। सबसे ज्यादा नुकसान कुमाऊं मंडल में है जहां टनकपुर के शारदा बैराज से 3 लाख 17 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने के कारण पिथौरागढ़, चंपावत और उधमसिंह नगर के निचले इलाकों में पानी लोगों के घरों में घुस गया है। सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम में लोगों को सुरक्षित स्थानों तक रेस्क्यू करने में जुटी हुई है। वही लाल कुआं में ट्रैक पर पानी आ जाने की वजह से हल्द्वानी और काठगोदाम से चलने वाली कई ट्रेनों को भी रद्द किया गया है। पूरे प्रदेश की बात की जाए तो बारिश के कारण 150 से ज्यादा सड़के बंद है, चार धाम यात्रा को भी खराब मौसम की वजह से रोकना पड़ा है जबकि नदी नालों के पास रहने वाले लोगों को भी सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है__ मौसम विभाग ने मौसम विभाग ने 10 जुलाई तक पूरे प्रदेश में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है, जिसको देखते हुए प्रशासन की सभी टीमों को अलर्ट पर रखा गया है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कुमाऊं कमिश्नर और चंपावत, उधम सिंह नगर के जिला अधिकारियों को रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं
भारी बारिश के चलते जिन इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं वहां एसडीआरएफ एनडीआरएफ के साथ-साथ सेना भी लोगों को रेस्क्यू कर रही है। अब तक 500 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है, चंपावत और उधम सिंह नगर में पांच टीमें रेस्क्यू कार्यों में जुटी हुई है, जबकि चार अन्य टीमों को बैकअप के तौर पर रखा गया है, इसके अलावा पूरे प्रदेश में एसडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर है, कमांडेंट एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा का कहना है कि प्रदेश के इलाकों में हालत खराब है वहां राहत और बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ की टीमें एनडीआरएफ और सेना के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है जबकि जिन टीमों को प्रदेश में तैनात किया गया है उसके अलावा भी बैकअप के लिए फोर्स को तैयार किया गया है।