देहरादून 23 जनवरी 2023। उत्तराखंड की विधानसभा में 2016 से पहले नियुक्त कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है, सूत्रों की मानें तो महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने स्पीकर ऋतु खंडूरी को अपनी राय में नियुक्तियों को अवैध करार दिया है। उन्होंने कहा है कि वह कर्मचारियों के नियमितीकरण वैधता पर कोई भी विधिक राय नहीं दे सकते हैं।
उनकी रिपोर्ट में सीधे तौर पर कहा गया है कि कर्मचारियों के नियमितीकरण की वैधता का कोई भी पुख्ता दस्तावेज उनको नहीं प्राप्त हुआ है। और ना ही डीके कोटिया की अध्यक्षता वाली समिति में कर्मचारियों की वैधता को सही ठहराया गया है। इतना ही नहीं कोटिया समिति ने 2000 से लेकर 2022 तक के सभी नियुक्त कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध बताया है। इसी मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। ऐसे में वे नियमितीकरण की वैधता पर किसी भी तरह की कोई विधिक राय नहीं दे सकते।
वही महाधिवक्ता की इस राय ने 2016 से पहले विधानसभा में नियुक्त कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है इस मामले में विपक्ष ने कहीं ना कहीं सरकार पर 2016 से पहले नियुक्त कर्मचारियों को बचाने का आरोप लगाता रहा है वही अब आने वाले दिनों में देखना यह होगा कि क्या विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी पूर्व मुख्यमंत्रियों एवं उनके करीबियों को विधानसभा से बाहर का रास्ता दिखाने का काम करेंगी।
मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 17 जनवरी को जब स्पीकर से पूछा गया की वो 2016 से पहले के कर्मचारियों के मामले में क्या कर रही हैं? तो उनका जवाब था कि विधिक राय मांगी गई है। जबकि सूत्रों की माने तो 9 जनवरी को ही महाधिवक्ता अपनी राय दे चुके थे। ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिरकार मीडिया से यह सब बातें क्यों छुपाई जा रही हैं और सही जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है?